बुधवार, 25 सितंबर 2013

RSS प्रमुख भागवत को फंसाने के षड्यंत्र का खुलासा

सन् 2007 में हुए अजमेर बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक भावेश पटेल ने केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। भावेश ने सीबीआई कोर्ट को चिट्ठी लिखकर बताया है कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, गृह राज्यमंत्री आर. पी. एन. सिंह और दिग्विजय सिंह ने उस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार को अजमेर ब्लास्ट में फंसाने के लिए दबाव डाला था।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस साल मार्च में गिरफ्तार किए गए पटेल ने कोर्ट को दिए आवेदन में आरोप लगाया है,
'मुरादाबाद के आचार्य प्रमोद कृष्णन ने मेरी मुलाकात दिग्विजय सिंह, शिंदे, जायसवाल और आर. पी. एन. सिंह से करवाई थी। ये सभी लोग चाहते थे कि मैं कोर्ट में आरएसएस के नेताओं को फंसाने वाला बयान दूं।' पटेल के वकील भूपेंद्र सिंह का कहना है कि उनका मुवक्किल गुरुवार को कोर्ट में भी यही बात दोहरायेगा। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में पटेल पर ब्लास्ट के लिए साजो-सामान उपलब्ध करवाने और बम दरगाह के भीतर ले जाने का आरोप लगाया है।
दिग्विजय सिंह, आचार्य कृष्णन और आर. पी. एन. सिंह ने पटेल के आरोपों को खारिज कर दिया है। दोनों नेताओं का कहना है कि पटेल से मिलना तो दूर, वो तो उसका नाम भी पहली बार सुन रहे हैं। शिंदे और जायसवाल ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं दी है।
पटेल ने कहा है, 'कृ्ष्णन ने मेरी मुलाकात नवंबर, 2012 में दिग्विजय सिंह से कराई थी। मैंने जब उन्हें अपने केस के बारे में बताया तो दिग्विजय ने मुझसे कहा कि तुम चिंता मत करो। समय आने पर हम जैसा कहें, वैसा करना।' पटेल के मुताबिक इसके बाद कृष्णन ने उसकी मुलाकात जायसवाल और आर. पी. एन. सिंह से करवाई। उसका कहना है कि इन दोनों नेताओं ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने उन्हें सारा मामला बता दिया है और अगर वह जैसा कहा गया है वैसा बयान देता है, तो उसे बचा लिया जायेगा।
अजमेर ब्लास्ट के आरोपी का दावा है कि कृष्णन बाद में उसे दिल्ली लेकर गए, जहां शिंदे मौजूद थे। पटेल का दावा है कि शिंदे ने कहा, 'तुम्हे कोर्ट में कहना होगा कि अजमेर ब्लास्ट की साजिश में भागवत और इंद्रेश कुमार शामिल थे और तुमने इनकी साजिश कि हिसाब से धमाके को अंजाम दिया।' पटेल का कहना है कि दबाव के बावजूद मैंने कोर्ट में भागवत या इंद्रेश कुमार का नाम नहीं लिया। इसके बाद एनआईए के ऑफिसरों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि पटेल अलवर की जेल में बाद था, वहां उसने एनआईए के ऑफिसरों के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया था। तबियत बिगड़ने के बाद उसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसने कोर्ट को चिट्ठी लिखी है।
-एजेंसी

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