गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

2G घोटाला:मथुरा भी CBI की नजर में

2G स्‍पेक्‍ट्रम के आवंटन को लेकर किये गये स्‍वतंत्र भारत के सबसे बड़े घोटाले में अब CBI की नजर मथुरा पर भी टिकी है।
जी हां, जिस 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले की भेंट संसद का पूरा शीतकालीन सत्र चढ़ गया, जिसके कारण अब बजट सत्र पर भी आशंकाओं के बादल छाये हुए हैं, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चैनल संपादकों से मुखातिब होना पड़ा और जिससे जुड़े सवालों का उत्‍तर देने में प्रधानमंत्री का भी हलक सूख जाता है, उस घोटाले की जांच के दायरे में महाभारत नायक कृष्‍ण की जन्‍मभूमि मथुरा का नाम भी आ रहा है
CBI से जुड़े अति भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले में पकड़े गये हाईप्रोफाइल लोगों से जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर मथुरा भी जांच के दायरे में आ चुका है।
सूत्रों के मुताबिक इस महाघोटाले के सूत्रधार और प्रमुख आरोपी पूर्व केन्‍द्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ पकड़े गये पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरिया ने पूछताछ के दौरान CBI को जो जानकारी दी है, उसमें मथुरा बेस्‍ड एक रीयल एस्‍टेट कंपनी से उनके सगे भाई सार्थक बेहुरिया का जुड़ा होना है और यही जुड़ाव CBI की जांच के दायरे को एक छोटे से जिले तक ला सकता है।
दरअसल 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले में पिछले दिनों पूर्व केन्‍द्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ पकड़े गये पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरिया के सगे भाई सार्थक बेहुरिया ने कुछ समय पहले मथुरा बेस्‍ड एक बड़ी रीयल एस्‍टेट कंपनी के CEO का पदभार ग्रहण किया है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के चेयरमैन रहे सार्थक बेहुरिया की गिनती भी देश के चुनिंदा हाईप्रोफाइल नौकरशाहों में होती है। सिद्धार्थ और सार्थक के अलावा इनके तीसरे भाई सुतानु बेहुरिया फिलहाल Fertiliser Secretary की जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं।
बेहुरिया परिवार की हैसियत के बारे में जानने के लिए इसकी पारिवारिक पृष्‍ठभूमि जान लेना जरूरी है।
1973 बैच के आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ बेहुरिया अपने परिवार में सबसे बड़े हैं। इन्‍होंने 01 जनवरी 2008 को दूरसंचार विभाग के सचिव का कार्यभार ग्रहण किया था।
देश के शीर्ष नीति निर्माताओं में शुमार इस हाईप्रोफाइल नौकरशाहों के परिवार में दूसरे नम्‍बर पर आते हैं सार्थक बेहुरिया। सार्थक बेहुरिया की पहचान आईओसी को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले प्रशासनिक अधिकारी की रही है। इनके तीसरे व सबसे छोटे भाई सुतानु बेहुरिया हिमाचल काडर के 1976 बैच के प्रशासनिक अधिकारी हैं और उनकी पहचान एक ईमानदार ब्‍यूरोक्रेट की है।
यही नहीं, 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले में पकड़े गये पूर्व टेलीकॉम सेक्रेट्री सिद्धार्थ बेहुरिया के परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले संजय बेहुरिया का ग्‍लोबल बैकिंग के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है।
उड़ीसा में जाजपुर जिले के मूल निवासी सिद्धार्थ बेहुरिया ने अपने बचाव में कहा है कि DOT Secretary होने के नाते मैंने उन आदेश-निर्देशों का अनुपालन किया जो विभाग के केन्‍द्रीय मंत्री ए. राजा ने लागू किये।
उल्‍लेखनीय है कि 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले की जद में एक ओर जहां तमाम ब्‍यूरोक्रेट्स आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर रतन टाटा व अनिल अम्‍बानी जैसे देश के शीर्ष उद्योगपति भी हैं। अनिल अम्‍बानी से CBI ने लम्‍बी पूछताछ की है। इन सबके अतिरिक्‍त लाइजनर नीरा राडिया और पत्रकार वीर सिंघवी एवं बरखा दत्‍त भी संदिग्‍धों की लम्‍बी सूची का हिस्‍सा हैं लेकिन सिद्धार्थ बेहुरिया से की गई पूछताछ के आधार पर किसी रीयल एस्‍टेट कंपनी का नाम पहली बार सामने आया है क्‍योंकि सिद्धार्थ के भाई इस कंपनी के CEO हैं।
सीबीआई की जांच का दायरा मथुरा बेस्‍ड इस रीयल एस्‍टेट कंपनी तक बढ़ने की महत्‍वपूर्ण वजह यह पता करना बताई जा रही है कि कहीं सिद्धार्थ बेहुरिया का पैसा अपने भाई सार्थक बेहुरिया के मार्फत इस कंपनी में तो नहीं लगा। हालांकि सार्थक बेहुरिया को जानने वाले उन्‍हें एक ईमानदार, कर्मठ व स्‍वच्‍छ छवि का अधिकारी बताते हैं।
जो भी हो लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि 2G स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले की जांच का दायरा यदि विश्‍व प्रसिद्ध धार्मिक जनपद मथुरा तक बढ़ता है तो चर्चाओं का बाजार गर्माना स्‍वाभाविक है क्‍योंकि रीयल एस्‍टेट का कारोबार असीमित सम्‍पत्‍ति से संचालित होता है और उसमें तमाम लोगों की भागीदारी भी रहती है।

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