अपनी जुबान को लगाम में न रख पाने के लिए खासे प्रसिद्ध हो चुके कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने आध्यात्मिक गुरू और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर पर जो निशाना साधा है, वह पूर्व नियोजित था।
श्री श्री रविशंकर उसी समय दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के टारगेट बन गये थे जब भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे ने अनशन शुरू किया था। दरअसल कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली सरकार को श्री श्री का अन्ना से तिहाड़ जेल में मुलाकात करना अखर गया।कांग्रेस को बस इंतजार था तो सही समय का। यह सही समय उसे तब मिला जब दिग्िवजय को पता लगा कि श्री श्री उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों का अपना व्यक्ितत्व विकास सम्बन्धी कार्यक्रम प्रारम्भ करना चाहते हैं।
यहां यह जान लेना जरूरी है कि आर्ट ऑफ लिविंग के तहत श्री श्री द्वारा आयोजित किये जाने वाले व्यक्ितत्व विकास सम्बन्धी कार्यक्रमों का एक हिस्सा ''भ्रष्टाचार'' भी होता है। दिग्विजय सिंह इस बात से वाकिफ थे इसलिए जब उन्हें पता लगा कि आगामी 07 नवम्बर से श्री श्री द्वारा पूर्व निर्धारित प्रोग्राम के अनुसार यूपी में व्यक्ितत्व विकास शिविर लगाये जाने हैं तो उन्होंने इसके खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया। दिग्विजय ने श्री श्री के कार्यक्रम को न सिर्फ आरएसएस का सी प्लान बताया बल्िक बाबा रामदेव तथा अन्ना के आंदोलन की श्रृंखला तक घोषित कर दिया।
इस सम्बन्ध में आर्ट ऑफ लिविंग यूरो कम्युनिकेशन उत्तर प्रदेश की कॉर्डिनेटर तथा मीडिया प्रभारी तनु नारायण ने बताया कि श्री श्री द्वारा इस तरह का कार्यक्रम न तो पहली बार किया जा रहा है और ना केवल यूपी में हो रहा है।
उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम देशभर में और यहां तक कि विदेशों में भी लगातार किये जाते हैं।
तनु नारायण ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग के व्यक्ितत्व विकास कार्यक्रम हिंसा विहीन, तनाव विहीन, अभाव विहीन, अज्ञान विहीन, भ्रष्टाचार रहित, व्यसन मुक्त, पर्यावरण सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का विरोध, सशक्त राष्ट्र का निर्माण, मतदान के अधिकार का प्रयोग आदि पर केन्द्रित रहते हैं।
उन्होंने बताया कि जब समाज से हिंसा, तनाव, अभाव, अज्ञान आदि दूर हो जायेंगे तो भ्रष्टाचार स्वत: समाप्त हो जायेगा इसीलिए श्री श्री ने कहा भी है कि केवल जनलोकपाल बिल पास होने से देश भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सकता। भ्रष्टाचार तभी दूर होगा जब इंसान अंदर से पवित्र होगा, अंदर से शुद्ध होगा जो मानवीय मूल्यों तथा आध्यात्म द्वारा संभव है।
तनु नारायाण ने बताया कि श्री श्री का उद्देश्य नैतिक व आध्यात्िमक लहर पैदा करना है, न कि सतही परिवर्तन लाना।
उन्होंने कहा कि श्री श्री का किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सम्बन्ध नहीं है। अपने अनुयायियों के माध्यम से वह व्यक्ितत्व विकास के ऐसे कार्यक्रम अब तक 14 राज्यों में कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में 07 नवम्बर को जौनपुर से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम 11 नवम्बर तक चलेगा।
07 नवम्बर को जौनपुर, 08 को सौनभद्र व रॉबर्ट्सगंज, 09 को मिर्जापुर, 10 को सुल्तानपुर व कानपुर तथा 11 नवम्बर को लखनऊ में कार्यक्रम होगा।
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