बुधवार, 18 जनवरी 2012

क्‍या यही है आदर्श आचार संहिता ?

मुख्‍यमंत्री के जन्‍मदिन की आड़ में मथुरा बसपा ने उड़ाई आचार संहिता की धज्‍जियां
विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। प्रथम चरण के लिए मतदान की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है लेकिन सत्‍ताधारी दल बहुजन समाज पार्टी पर लगता है इस सबका कोई असर नहीं हो रहा। यदि हो रहा होता तो वह मुख्‍यमंत्री मायावती के जन्‍मदिन की आड़ में आचार संहिता की ऐसी धज्‍जियां नहीं उड़ाती।
गौरतलब है कि यूपी में चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता जारी होने के तत्‍काल बाद हर जगह से सभी राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग्‍स हटाये जाने लगे। प्रशासनिक अधिकारियों की जहां भी ऐसे होर्डिंग्‍स पर नजर पड़ी, उसने तत्‍काल उन्‍हें हटवा दिया। यह कार्य अब भी चल रहा है। लेकिन इसके ठीक विपरीत बहुजन समाज पार्टी ने अपनी मुखिया मायावती के जन्‍मदिन की आड़ में आचार संहिता को ताक पर रखकर
विज्ञापन प्रकाशित करवाये हैं।
आगरा से प्रकाशित इन अखबारों में बहिनजी को बहुजन समाज पार्टी जिला यूनिट मथुरा की ओर से जहां उनके 56 वें जन्‍मदिन पर शुभकामनाएं प्रेषित की गई हैं वहीं उसकी आड़ लेकर सभी पांचों विधानसभा प्रत्‍याशियों की फोटो छपवा दी गई है जो आदर्श आचार संहिता का खुला उल्‍लंघन है।
प्रदेश के कृषि मंत्री और छाता विधानसभा क्षेत्र के प्रत्‍याशी चौधरी लक्ष्‍मी नारायण, मांट क्षेत्र के प्रत्‍याशी ठाकुर रामपाल सिंह, गोवर्धन क्षेत्र के प्रत्‍याशी राजकुमार रावत, मथुरा-वृंदावन विधानसभा क्षेत्र की प्रत्‍याशी पुष्‍पा शर्मा और बल्‍देव क्षेत्र के प्रत्‍याशी चन्‍द्रभान सिंह उर्फ पप्‍पू प्रधान के फोटो लगे इस विज्ञापन में बड़ी चालाकी के साथ चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया है।
विज्ञापन में इन सभी को मात्र कोऑर्डीनेटर दर्शाया गया है जबकि पार्टी की ओर से इन्‍हें बाकायदा अपना प्रत्‍याशी घोषित किया जा चुका है।
यहां सवाल यह भी पैदा होता है कि लाखों रुपया खर्च करके प्रकाशित करवाये गये इस विज्ञापन का खर्च किस मद से किया गया है और किस मद में इसे जोड़ा जायेगा।
जब इसका इस्‍तेमाल पार्टी प्रत्‍याशियों के प्रचार में किया गया है तो क्‍या इसके खर्च का ब्‍यौरा क्‍या चुनाव आयोग को भेजा जायेगा?
और अब जबकि सड़क पर लगे राजनीतिक दलों के होर्डिंग्‍स तक हटवाये जा रहे हैं तब सत्‍ताधारी दल को इस तरह के
विज्ञापन छपवाने का अधिकार है ?
देखना यह है कि चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी इस पर संज्ञान लेते हैं या नहीं वरना आज यह कार्य बसपा ने किया है तो कल दूसरे दल व उनके प्रत्‍याशी भी क्‍यों नहीं करेंगे।
   

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