सोमवार, 26 मार्च 2012

2014 तक लोकपाल लाओ, वर्ना गद्दी छोड़ो

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेडने वाले प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान में एक बार फिर से बडे आंदोलन का उद्घोष करते हुए आज केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि 2014 तक लोकपाल बिल लाओ अन्यथा गद्दी छोड दो।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानून बनाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर आयोजित एक दिन के अनशन के समापन भाषण पर अन्ना ने कहा कि देश की जनता जाग चुकी है और वह मजबूत जनलोकपाल कानून बनवा कर ही चैन लेगी। उन्होंने केन्द्र सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि 2014 के आम चुनाव से पहले मजबूत लोकपाल कानून नहीं आया तो उसे गद्दी छोडनी होगी।
अन्ना ने यह भी चेतावनी दी कि जो भी मंत्री दोषी हैं अगर इस वर्ष अगस्त तक उनके खिलाफ मुकदमें शुरु नहीं किए गए तो जेल भरो आंदोलन शुरु किया जायेगा। कालेधन के खिलाफ मुहिम चलाये योग गुरु बाबा रामदेव के साथ भविष्य में आंदोलन मिलकर चलाने की घोषणा करते हुए अन्ना ने कहा कि आज तक हम अकेले थे अब पूरा देश एकसाथ हो गया है।
उन्होंने पिछले साल 4-5 जून के दौरान बाबा रामदेव के रामलीला मैदान पर अनशन को असफल बनाने के लिए की गई कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं और निहत्थों पर लाठी चलाना ही क्या पुषार्थ है। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह और बाबा रामदेव मिलकर भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मिलकर लडाई लडेंगे।
अन्ना ने कहा कि देश की जनता एकसाथ है और वह सरकार को मजबूत जनलोकपाल बनाने के लिए विवश कर देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में लोकतंत्र नहीं है और लोकशाही को लाना होगा। उन्होंने कहा कि मजबूत जनलोकपाल कानून से गरीबों को न्याय मिलेगा। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। इसके जरिये लोक कार्य करने के लिए समय सीमा निश्चित की जायेगी और जो अधिकारी, कर्मचारी समय से कम नहीं करेगा उस पर जुर्माना किया जाना चाहिए।
भ्रष्टाचारी को जेल में डालकर उसके द्वारा कमाये गए धन को जब्त कर लिया जाये। लंबी लडाई की रूपरेखा खींचते हुए अन्ना ने कहा कि वह लोगों को जगाने के लिए देश का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल की लडाई के बाद राईट टू रिजेक्ट , ग्राम सभाओं को और अधिकार दिलाना तथा किसानों की स्थिति में सुधार के लिए संघर्ष किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और यहां किसानों की क्या स्थिति ठीक नहीं है। विदेशों से उद्योगपतियों को बुलाकर यहां किसानों की जमीन जबरदस्ती छीनकर उन्हें दी जा रही है। उन्होंने कहा माल खाये मदारी और नाच करे बंदर, अब यह नहीं चलने वाला है। अन्ना ने कहा कि ग्राम सभा की मंजूरी के बिना किसानों की जमीन अधिग्रहित नहीं की जानी चाहिए।

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