रविवार, 7 अक्तूबर 2012

हम हो रहे कंगाल लेकिन विधायक मालामाल

आम आदमी बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। हर महीने मिलने वाले वेतन से परिवार का खर्चा चलाना आम आदमी के लिए मुश्किल हो रहा है लेकिन उसी आम आदमी की ओर से चुने जाने वाले जन प्रतिनिधि दिन-ब-दिन माला माला होते जा रहे हैं। दस राज्यों के 1 हजार 75 विधायकों की इनकम के आंकलन के मुताबिक एक विधायक के घर की इनकम आम आदमी के पांच सदस्यों के परिवार की इनकम से कहीं ज्यादा है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के मुताबिक आम आदमी और विधायक की इनकम में सबसे ज्यादा अंतर उत्तर प्रदेश में है। विधायक और उसके परिवार की सालाना औसत इनकम 14.6 लाख है। सामान्य परिवार की औसत आय से यह 10 गुना ज्यादा है। सामान्य व्यक्ति की सालाना औसत आय 1.3 लाख है। यूपी के अलावा पंजाब,असम और तमिलनाडु में भी विधायकों और आम आदमी की इनकम में जबरदस्त फर्क देखा गया है।
गोवा में विधायक के फैमिली की सालाना इनकम करीब 29 लाख के करीब है। केरल एक मात्र ऎसा राज्य हैं जहां विधायकों की इनकम आम आदमी की इनकम से उतनी ज्यादा नहीं है। यहां विधायक और आम आदमी की इनकम में सिर्फ 13 फीसदी का ही अंतर है। हाल ही में चुनाव आयोग ने यह अनिवार्य कर दिया था कि हर विधायक को अपना इनकम टेक्स रिटर्न सार्वजनिक करना होगा। साथ ही इनकम भी सार्वजनिक करनी होगी। दस राज्यों के विधायकों ने अपनी औसत आय 8.48 लाख (सालाना) बताई है जबकि फैमिली की औसत आय 13.66 लाख (सालाना) है।
यूपी से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह सबसे अमीर विधायक हैं। उनके परिवार की सालाना आय करीब 5 करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर है पंजाब में अकाली दल के विधायक सुखबीर सिंह बादल। इनके परिवार की सालाना औसत आय है 4 करोड़ रुपए। तीसरे स्थान पर है एआईएडीएमके के विधायक ए. नारायण। इनकी फैमिली की सालाना औसत आय है 3 करोड़ रुपए। एडीआर के मुताबिक पिछले साल चुने गए जनप्रतिनिधियों में से 30 फीसदी ने कोई टैक्स नहीं दिया।

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