अहमदाबाद। गुजरात में 2004 में हुए इशरत जहां
फर्जी एनकाउंटर केस में सीबीआई ने गुरुवार को गुजरात पुलिस के आईपीएस
अधिकारी जीएल सिंघल को अरेस्ट किया। इस केस में यह पहली गिरफ्तारी है।
आईपीएस अधिकारी सिंघल इशरत जहां का एनकाउंटर वाली टीम को लीड कर रहे थे। उन
पर गवाहों को बहकाने का आरोप भी है।
गौरतलब है कि इशरत मुंबई की निवासी थी। 15 जून 2004 को अहमदाबाद के नजदीक गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे जावेद गुलाम शेख उर्फ प्रणेश कुमार पिल्लई, अमजद अली उर्फ राजकुमार अकबर अली राणा और जिशान जौहर अब्दुल गनी के साथ एक मुठभेड़ में मारा गिराया था।
गुजरात पुलिस ने चारों को लश्कर का आतंकी बताया था। पुलिस का कहना था कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे।
इस मामले की जांच पहले एसआईटी को सौंपी गई थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया था कि इशरत जहां और उसके साथियों को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट ने इशरत जहां मर्डर केस की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा। हाई कोर्ट ने कहा था कि इस केस की जांच के लिए गुजरात पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज किए।
गौरतलब है कि इशरत मुंबई की निवासी थी। 15 जून 2004 को अहमदाबाद के नजदीक गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे जावेद गुलाम शेख उर्फ प्रणेश कुमार पिल्लई, अमजद अली उर्फ राजकुमार अकबर अली राणा और जिशान जौहर अब्दुल गनी के साथ एक मुठभेड़ में मारा गिराया था।
गुजरात पुलिस ने चारों को लश्कर का आतंकी बताया था। पुलिस का कहना था कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे।
इस मामले की जांच पहले एसआईटी को सौंपी गई थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया था कि इशरत जहां और उसके साथियों को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट ने इशरत जहां मर्डर केस की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा। हाई कोर्ट ने कहा था कि इस केस की जांच के लिए गुजरात पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज किए।
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