नई दिल्ली । कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर अब नई
मुश्किल में घिर गए हैं। अमरीका की एक दूरसंचार कंपनी ने एफबीआई से शिकायत
की है कि टाइटलर ने उससे 1.1 मिलियन डॉलर ठग लिए। यह ठगी कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लेकर की गई।
एक समाचार पत्र के मुताबिक इसी सोमवार को की गई शिकायत में टीसीएम मोबाइल एलएलसी ने कहा कि उसकी सहायक कंपनी कोरविप ने संयुक्त उपक्रम में प्रवेश किया था। टाइटलर के बेटे सिद्धार्थ और हथियारों के दलाल अभिषेक वर्मा ग्रामीण भारत के लिए सेल्युलर सर्विस शुरू करना चाहते थे। इसके लिए दोनों संयुक्त उपक्रम को प्रमोट कर रहे थे।
कोरविप ने टाइटलर के इस आश्वासन के बाद संयुक्त उपक्रम में प्रवेश किया था कि बोर्ड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हैं। वर्मा से संबंधों को लेकर टाइटलर की पहले भी जांच हो चुकी है। टाइटलर ने कंपनी की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कोई आश्वासन नहीं दिया था।
बकौल टाइटलर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एक चाल हैं। मैं पहली बार यह सब सुन रहा हूं। इनमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है। वर्मा ने मेरे महत्वपूर्ण लोगों से संबंधों का फायदा उठाया और झूठ बोला। दूरसंचार कंपनी ने एफबीआई के अलावा भारतीय जांच एजेंसियों से भी शिकायत की है। टीसीएम मोबाइल का कहना है कि उसकी ग्रामीण भारत में वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल शुरू करने की योजना थी।
2009 में वर्मा ने टाइटलर से बैठकें करवाईं और उनका भरोसा बढ़ाया। कंपनी में निवेश से पहले कई बार टाइटलर से मुलाकातें हुईं। टाइटलर की मौजूदगी में वर्मा ने लिखित आश्वासन दिया गया कि गरीबों के लिए प्रोजेक्ट को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी का आशीर्वाद प्राप्त है।
इसके बाद कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए 1.1 मिलियन डॉलर का निवेश किया। फर्जी दस्तावेजों के जरिए वर्मा और उसके सहयोगियों ने इस राशि को निकाल लिया। शिकायत में वर्मा की ओर से कंपनी के तत्कालीन एस्क्रो एजेंट सी. एडमंड्स एलेन को भेजे गए फोटोग्राफ भी सलंग्न किए गए हैं। वर्मा ने ये फोटोग्राफ इस बात का भरोसा दिलाने के लिए भेजे थे कि उसके टाइटलर से अच्छे संबंध हैं। हालांकि वर्मा इस तरह के फोटोग्राफ भेजे जाने से इंकार कर चुके हैं।(एजेंसी)
एक समाचार पत्र के मुताबिक इसी सोमवार को की गई शिकायत में टीसीएम मोबाइल एलएलसी ने कहा कि उसकी सहायक कंपनी कोरविप ने संयुक्त उपक्रम में प्रवेश किया था। टाइटलर के बेटे सिद्धार्थ और हथियारों के दलाल अभिषेक वर्मा ग्रामीण भारत के लिए सेल्युलर सर्विस शुरू करना चाहते थे। इसके लिए दोनों संयुक्त उपक्रम को प्रमोट कर रहे थे।
कोरविप ने टाइटलर के इस आश्वासन के बाद संयुक्त उपक्रम में प्रवेश किया था कि बोर्ड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हैं। वर्मा से संबंधों को लेकर टाइटलर की पहले भी जांच हो चुकी है। टाइटलर ने कंपनी की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कोई आश्वासन नहीं दिया था।
बकौल टाइटलर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एक चाल हैं। मैं पहली बार यह सब सुन रहा हूं। इनमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है। वर्मा ने मेरे महत्वपूर्ण लोगों से संबंधों का फायदा उठाया और झूठ बोला। दूरसंचार कंपनी ने एफबीआई के अलावा भारतीय जांच एजेंसियों से भी शिकायत की है। टीसीएम मोबाइल का कहना है कि उसकी ग्रामीण भारत में वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल शुरू करने की योजना थी।
2009 में वर्मा ने टाइटलर से बैठकें करवाईं और उनका भरोसा बढ़ाया। कंपनी में निवेश से पहले कई बार टाइटलर से मुलाकातें हुईं। टाइटलर की मौजूदगी में वर्मा ने लिखित आश्वासन दिया गया कि गरीबों के लिए प्रोजेक्ट को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी का आशीर्वाद प्राप्त है।
इसके बाद कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए 1.1 मिलियन डॉलर का निवेश किया। फर्जी दस्तावेजों के जरिए वर्मा और उसके सहयोगियों ने इस राशि को निकाल लिया। शिकायत में वर्मा की ओर से कंपनी के तत्कालीन एस्क्रो एजेंट सी. एडमंड्स एलेन को भेजे गए फोटोग्राफ भी सलंग्न किए गए हैं। वर्मा ने ये फोटोग्राफ इस बात का भरोसा दिलाने के लिए भेजे थे कि उसके टाइटलर से अच्छे संबंध हैं। हालांकि वर्मा इस तरह के फोटोग्राफ भेजे जाने से इंकार कर चुके हैं।(एजेंसी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया बताते चलें कि ये पोस्ट कैसी लगी ?