बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

खादी भंडार से कुर्ता नहीं, सेक्‍स वर्धक दवा खरीदने लगे हैं लोग

सेक्सवर्धक दवाइयां गांधी खादी आश्रम में खादी पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं। गांधी खादी आश्रम पर अब कोई खादी के कुर्ते खरीदने नहीं आता लेकिन सेक्सवर्धक दवाइयों के खरीदार काफी तादाद में आते हैं। खादी ग्रोमोद्योग के कर्माचारियों का कहना है कि मुसली पाक जैसी सेक्सवर्धक दवाइयों के हर महीने 500 से 1000 पैकेट की बिक्री होती है लेकिन खादी कुर्ता खरीदने एकमात्र खरीदार भी नहीं आता। साथ की कर्मचारी का कहना है कि समय के साथ-साथ लोगों का टेस्ट भी बदल रहा है। अगर अब मुसली पाक बिकता है तो इसमें क्या गलत है?
केंद्र और राज्य सरकार ऎसे खादी आश्रम दुकानों को खादी और कुटीर उद्योग के प्रोडेक्टों को प्रमोट करने के लिए सब्सिडी देती है।
-एजेंसी

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