नई दिल्ली
बसपा सुप्रीमो मायावती को एक और राहत मिली है। आयकर विभाग ने फिक्स डिपोजिट में जमा 400 करोड़ रुपए रिलीज कर दिए हैं। यह रकम मायावती के भाई आनंद कुमार और उनके ग्रुप ऑफ कंपनीज की है। आयकर विभाग ने रकम को वैध ठहराया है। आयकर विभाग ने जून में रकम को जब्त कर लिया था। आनंद कुमार ने जब टैक्स चुका दिया तो रकम को वैध घोषित कर दिया गया। इस मामले से जुड़ी पूरी जांच बंद कर दी गई है। अब मायावती के भाई अपनी पसंद के वेंचर में इस रकम को निवेश कर सकते हैं। कुमार, नोएडा और दिल्ली में करीब दर्जनभर रजिस्टर्ड कंपनियां चलाते हैं।
सीबीआई ने हाल ही में मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद कर दिया था। 27-29 जून को आयकर विभाग की टीम ने यूपी के मेडिकल कॉलेज, कौशांबी के होटल सहित 27 ठिकानों पर छापे मारे थे। छापे के दौरान असामान्य ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ था।
छापे की कार्यवाही के दौरान पता चला कि सालाना 22 लाख रुपए इनकम घोषित करने वाले 22 साल के एक युवक ने होटेलियर के वेंचर में 10 करोड़ रुपए निवेश किए थे। हालांकि कुमार ने दावा किया कि उनके पास काला धन नहीं है। उन्होंने चुकाए गए टैक्स को सबूत के रूप में पेश किया। चार महीने बाद आयकर विभाग ने कुमार की दलीलें स्वीकार कर लीं।
-एजेंसी
बसपा सुप्रीमो मायावती को एक और राहत मिली है। आयकर विभाग ने फिक्स डिपोजिट में जमा 400 करोड़ रुपए रिलीज कर दिए हैं। यह रकम मायावती के भाई आनंद कुमार और उनके ग्रुप ऑफ कंपनीज की है। आयकर विभाग ने रकम को वैध ठहराया है। आयकर विभाग ने जून में रकम को जब्त कर लिया था। आनंद कुमार ने जब टैक्स चुका दिया तो रकम को वैध घोषित कर दिया गया। इस मामले से जुड़ी पूरी जांच बंद कर दी गई है। अब मायावती के भाई अपनी पसंद के वेंचर में इस रकम को निवेश कर सकते हैं। कुमार, नोएडा और दिल्ली में करीब दर्जनभर रजिस्टर्ड कंपनियां चलाते हैं।
सीबीआई ने हाल ही में मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद कर दिया था। 27-29 जून को आयकर विभाग की टीम ने यूपी के मेडिकल कॉलेज, कौशांबी के होटल सहित 27 ठिकानों पर छापे मारे थे। छापे के दौरान असामान्य ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ था।
छापे की कार्यवाही के दौरान पता चला कि सालाना 22 लाख रुपए इनकम घोषित करने वाले 22 साल के एक युवक ने होटेलियर के वेंचर में 10 करोड़ रुपए निवेश किए थे। हालांकि कुमार ने दावा किया कि उनके पास काला धन नहीं है। उन्होंने चुकाए गए टैक्स को सबूत के रूप में पेश किया। चार महीने बाद आयकर विभाग ने कुमार की दलीलें स्वीकार कर लीं।
-एजेंसी
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