बुधवार, 16 अप्रैल 2014

स्पॉट फिक्सिंग रिपोर्ट में 12 क्रिकेटर्स और श्रीनिवासन भी

सुप्रीम कोर्ट ने आज खुलासा किया है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली जस्टिस मुद्गल समिति की रिपोर्ट में एन. श्रीनिवासन और 12 प्रतिष्ठित खिलाडियों के नाम हैं। कोर्ट ने कहा कि इन सभी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीसीसीआई आरोपों की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने के लिए तैयार नहीं है। उसका कहना है कि इससे प्रतिष्ठित क्रिकेटर्स की छवि धूमिल हो जाएगी। साथ ही क्रिकेट बोर्ड की स्वायत्ता कमजोर हो जाएगी। श्रीनिवासन और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने जस्टिस मुद्गल समिति की रिपोर्ट के इन निष्कर्षों को चुनौती दी थी कि दोनों ने गुरूनाथ मयप्पन की चेन्नई सुपर किंग्स में भूमिका को लेकर झूठ बोला था।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि सीलबंद रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी गहनता से जांच होनी चाहिए। आरोपों की प्रकृति गंभीर किस्म की है। कोर्ट ने कहा जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक श्रीनिवासन को बीसीसीआई से दूर रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आरोपों को जानने के बाद हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते।" "हम किसी की छवि खराब नहीं करना चाहते, लेकिन हमें क्रिकेट के भविष्‍य की चिंता है।" कोर्ट ने बीसीसीआई और श्रीनिवासन से पूछा कि आरोपों पर जांच किस तरह की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुदरन रमन को राहत देते हुए पद पर बने रहने की अनुमति दी है। बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष सुनील गावस्कर ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा था कि वह सुंदरन रमन को सीओओ पद से हटाने या बने रहने के संबंध में फैसला नहीं ले सकते।
बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाए गए श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। श्रीनिवासन ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें इस साल सितंबर तक अध्यक्ष पद पर काम करते रहने की इजाजत दी जाए। इस मामले में श्रीनिवासन ने दलील दी कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से सीनियर वकील ने उनके खिलाफ अनुचित और अप्रमाणित आरोप लगाए हैं।
-एजेंसी

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