सोमवार, 1 जनवरी 2018

राज्‍यचिन्‍ह के दुरुपयोग पर Speaker सख्‍त: पूर्व मुख्‍यमंत्रियों सहित ढाई हजार पूर्व विधायकों को जारी किया पत्र, पहली बार लिया गया संज्ञान

Speaker ह्रदय नरायाण दीक्षित ने सभी पूर्व विधायकों को निर्देश दिया कि वे उनके लेटरहेड पर राज्यचिन्ह का प्रयोग बंद करें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यचिन्ह का बड़े पैमाने पर किया जा रहा दुरुपयोग अब Speaker को अखरने लगा है। इस पर कड़ा रुख दिखाते हुए Speaker ह्रदय नरायाण दीक्षित ने सभी पूर्व विधायकों को निर्देश दिया कि वे उनके लेटरहेड पर राज्यचिन्ह का प्रयोग बंद करें।
 
पूर्व मुख्यमंत्री पर भी आदेश होगा लागू
Speaker ने निर्देश दिया है कि यह आदेश सिर्फ पूर्व विधायकों पर ही नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा। जो उत्तर प्रदेश विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य हैं, सिर्फ वही राज्यचिन्ह का प्रयोग कर सकते हैं।
पहली बार जारी हुआ आदेश
ऐसा पहली बार हुआ है कि इस तरह का आदेश स्पीकर ने जारी किया हो। इससे सदन के पूर्व सदस्यों के राज्यचिन्ह के प्रयोग पर प्रतिबंध लग सकेगा।
प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि इस तरह का पत्र 2,500 पूर्व विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को जारी किया गया है। उन्हें पत्र में कहा गया है कि विधानसभा या उत्तर प्रदेश सरकार के चिन्ह का प्रयोग उनके लेटरहेड पर बंद कर दें।
बड़े पैमाने पर हो रहा यह अवैध काम 
Speaker ह्रदय नारायण दीक्षित ने बताया कि कोई भी पूर्व विधायक या पूर्व विधान परिषद सदस्‍य जिसके पास अब सदन की सदस्यता नहीं है, वह सरकारी चिन्ह का प्रयोग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, उनके संज्ञान में यह आया है कि राज्यचिन्ह का प्रयोग लगातार सदन के पूर्व सदस्यों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
राज्यपाल ने की थी शिकायत
उन्होंने कहा कि यह गैरकानूनी है क्योंकि जब कोई सदन का सदस्य नहीं होता तो वह राज्यचिन्ह का प्रयोग नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले राज्यपाल राम नाईक उनके संज्ञान में यह मामला लाए थे। उन्होंने एक पूर्व विधायक का पत्र दिखाते हुए उन्हें बताया कि किस तरह पूर्व विधायकों द्वारा राज्यचिन्ह वाले लेटरहेड पर पत्राचार किया जा रहा है।
राज्यपाल ने उन्हें कहा कि यह अवैध है और इस पर कार्यवाही की जाए। उसके बाद उन्होंने उनके सचिवालय से इस संबंध में तत्काल एक एडवाइजरी जारी करने को कहा।
सदन में कहा था न पार करें लक्ष्मण रेखा
हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र में उन्होंने घोषणा की थी कि विधानसभा के सदस्य उनकी लक्ष्मण रेखा पार न करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा था कि वह सदन अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। सदन में निरंतर सीटी बजाई जाए, कागज की गेदें बनाकर राज्यपाल या कुर्सियों पर फेकी जाएं। सदन में बैनर और प्लेकार्ड्स लेकर प्रदर्शन किया जाए यह भी उन्हें बर्दाश्त नहीं है।
-Legend News

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