गोवर्धन (मथुरा)। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में व्याप्त भयंकर गंदगी सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो जाने को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मथुरा सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी मथुरा शलभ माथुर और एसडीएम गोवर्धन नागेन्द्र कुमार सिंह को अगली सुनवाई 19 अगस्त पर कोर्ट में तलब किया है।
दरअसल, गोवर्धन परिक्रमा संरक्षण संस्थान से जुड़े मामले की आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में तत्काल सुनवाई की गई क्योंकि NGT को गोवर्धन की दुर्दशा से प्रसिद्ध पर्यावरणविद और इसी मामले से पूर्व में जुड़े एम सी मेहता ने ई मेल के जरिए अवगत कराया था।
पर्यावरणविद मेहता और इस मामले को देख रहे अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने NGT को मथुरा के मीडिया द्वारा की गई समय-समय पर गोवर्धन की बदहाली संबंधी उस रिपोर्टिंग से भी अवगत कराया जिससे जाहिर होता था कि जिला प्रशासन किस कदर इस मामले में लापरवाही बरतते हुए कोर्ट के आदेश-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहा है। गोवर्धन में सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं जिससे कि वहां के पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में इस मामले को पर्यावरणविद एम सी मेहता ही देख रहे थे।
पर्यावरणविद एम सी मेहता की तरफ से मौजूद महक रस्तोगी ने न्यायालय को अवगत कराया, क्योंकि एम सी मेहता न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके इसलिए उन्होंने ई मेल द्वारा इस मामले से जुड़ी ताजा जानकारी न्यायालय को भेजी है तथा न्यायालय से अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है ।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ता पिंकी आनंद को जब याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने सभी प्रमुख अखबारों की प्रति और अन्य मीडिया में प्रसारित खबरों की जानकारी दी तो अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कोर्ट से कहा कि मीडिया में तो कुछ भी आ जाता है।
अधिवक्ता पिंकी आनंद की इस दलील पर न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह राठौर ने उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फिर क्यों ना वहां की स्थिति आप खुद जाकर देखें। न्यायालय ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा, चूंकि 23 तारीख की जन्माष्टमी है और गोवर्धन में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है इसलिये जिला अधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा व एसडीम गोवर्धन को 19 अगस्त के लिये तलब किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई अब 19 अगस्त को होगी।
-Legend News
दरअसल, गोवर्धन परिक्रमा संरक्षण संस्थान से जुड़े मामले की आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में तत्काल सुनवाई की गई क्योंकि NGT को गोवर्धन की दुर्दशा से प्रसिद्ध पर्यावरणविद और इसी मामले से पूर्व में जुड़े एम सी मेहता ने ई मेल के जरिए अवगत कराया था।
पर्यावरणविद मेहता और इस मामले को देख रहे अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने NGT को मथुरा के मीडिया द्वारा की गई समय-समय पर गोवर्धन की बदहाली संबंधी उस रिपोर्टिंग से भी अवगत कराया जिससे जाहिर होता था कि जिला प्रशासन किस कदर इस मामले में लापरवाही बरतते हुए कोर्ट के आदेश-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहा है। गोवर्धन में सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं जिससे कि वहां के पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में इस मामले को पर्यावरणविद एम सी मेहता ही देख रहे थे।
पर्यावरणविद एम सी मेहता की तरफ से मौजूद महक रस्तोगी ने न्यायालय को अवगत कराया, क्योंकि एम सी मेहता न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके इसलिए उन्होंने ई मेल द्वारा इस मामले से जुड़ी ताजा जानकारी न्यायालय को भेजी है तथा न्यायालय से अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है ।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ता पिंकी आनंद को जब याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने सभी प्रमुख अखबारों की प्रति और अन्य मीडिया में प्रसारित खबरों की जानकारी दी तो अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कोर्ट से कहा कि मीडिया में तो कुछ भी आ जाता है।
अधिवक्ता पिंकी आनंद की इस दलील पर न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह राठौर ने उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फिर क्यों ना वहां की स्थिति आप खुद जाकर देखें। न्यायालय ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा, चूंकि 23 तारीख की जन्माष्टमी है और गोवर्धन में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है इसलिये जिला अधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा व एसडीम गोवर्धन को 19 अगस्त के लिये तलब किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई अब 19 अगस्त को होगी।
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