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सोमवार, 3 जुलाई 2023
चुनाव से ठीक पहले श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल के पदाधिकारी पर 'यौन शोषण' के आरोपों की एंट्री, समाज सकते में
मथुरा की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था 'अग्रवाल शिक्षा मंडल' के आगे 'श्री' जोड़कर खड़ी कर दी गई 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' वैसे तो विभिन्न कारणवश एक लंबे समय से विवादों के घेरे में है किंतु ताजा मामला कल यानी 28 जून को होने जा रहे इसके 'प्रबंधतंत्र' के चुनाव से जुड़ा है। दरअसल, चुनाव से ठीक पहले सामने आए एक शिकायती पत्र ने न केवल 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' को सकते में डाल दिया है बल्कि अग्रवाल समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
27 अप्रैल 2023 के इस पत्र में एक महिला कर्मचारी ने बीएसए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रबंधतंत्र से जुड़े एक व्यक्ति पर 'यौन शोषण' करने की कोशिश जैसे अत्यंत गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस व्यक्ति पर ये आरोप लगाए गए हैं, वह भी चुनाव मैदान में है।
आश्चर्यजनक यह है कि बीएसए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के वर्तमान चेयरमैन को संबोधित इस महिला कर्मचारी के पत्र का पिछले दो माह में कोई संज्ञान नहीं लिया गया, जिस कारण महिला कर्मचारी काम छोड़कर जाने पर बाध्य हुई लेकिन अब जबकि चुनाव होने थे, तो अचानक वह पत्र सार्वजनिक कर दिया गया जिससे प्रबंधतंत्र और उससे जुड़े लोगों की मंशा पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।
'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' के कल होने जा रहे चुनाव में बीएसए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के चेयरमैन पद पर शहर के दो प्रसिद्ध अधिवक्ता आमने-सामने हैं।
इनमें से एक हैं बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उमाशंकर अग्रवाल जो फौजदारी के मशहूर वकील हैं, और दूसरे हैं अरविंद अग्रवाल जो टैक्स बार एसोसिएशन मथुरा में प्रेक्टिस करते हैं और आयकर के सीनियर वकीलों में शुमार हैं।
वाइस चेयरमैन के पद पर कन्हैया अग्रवाल (कोषदा ज्वैलर्स) तथा नितिन मित्तल (सर्राफा व्यवसायी) खड़े हैं।
श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल से जुड़े तमाम लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था में कुछ मछलियां ऐसी प्रवेश कर चुकी हैं जिनके कारण न केवल संस्था व समाज कलंकित हो रहा है बल्कि प्रबंधतंत्र की अन्य शिक्षण संस्थाओं पर पकड़ भी ढीली हुई है।
उनका मानना है कि संस्था से जुड़े अधिकांश लोग संस्थानों की उन्नति चाहते हैं लेकिन कुछ तत्व ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ 1000 करोड़ रुपए से अधिक की वो संपत्ति दिखाई देती है जिससे संस्थाएं संचालित होती हैं।
ये तत्व निजी स्वार्थ में इस संपत्ति को खुर्द-बुर्द करना चाहते हैं और इसीलिए किसी भी तरह संस्थाओं के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज होने की कोशिश में लगे रहते हैं।
गौरतलब है कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बीएसए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मथुरा जनपद को अग्रवाल समाज द्वारा दी गई सबसे पहली और बड़ी सौगात है किंतु आज कुछ तत्वों के कारण समाज अपनी कई संस्थाओं से लगभग हाथ धो बैठा है।
मूल संस्था है 'अग्रवाल शिक्षा मंडल'
बताया जाता है कि 1926 में रजिस्टर्ड 'अग्रवाल शिक्षा मंडल' ही अग्रवाल समाज की देन है और यही मूल संस्था है किंतु कुछ लोगों ने षड्यंत्र पूर्वक 1961 में 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' के नाम से एक अलग संस्था रजिस्टर्ड करवा ली और इस आशय का प्रचार कर दिया कि दोनों में कोई फर्क नहीं है।
इसे तथ्यहीन बताते हुए 'अग्रवाल शिक्षा मंडल' के पदाधिकारियों ने एक ओर जहां आपत्ति दर्ज कराई वहीं दूसरी ओर मामले को हाई कोर्ट तक ले गए क्योंकि दोनों संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन नंबर अलग-अलग है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में फिलहाल यह मामला लंबित है।
क्या अवैध हैं 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' के चुनाव?
इस संबंध में अग्रवाल शिक्षा मंडल के पदाधिकारियों का साफ-साफ कहना है कि हाईकोर्ट में मामला पेंडिंग होने के कारण 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' की आड़ में कराए जा रहे चुनाव अवैध होने के साथ-साथ कोर्ट की अवमानना भी हैं।
अग्रवाल शिक्षा मंडल के पदाधिकारी इन चुनावों को भी कोर्ट में चुनौती देने का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि यदि समाज सेवा ही इन चुनावों का उद्देश्य है तो फिर इसके लिए इतनी मारामारी तथा षड्यंत्र क्यों रचे जा रहे हैं।
क्यों एक महिला कर्मचारी द्वारा की गई यौन शोषण जैसी गंभीर शिकायत को दो महीने तक दबाए रखा गया और क्यों अब सार्वजनिक किया गया, वो भी तब जबकि आरोपी भी चुनाव मैदान में है।
ऐसे में बड़ा व महत्वपूर्ण सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या पीड़ित महिला को 'श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल' न्याय दिला पाएगा, और यदि आरोपी पदाधिकारी चुनाव जीतकर फिर से प्रबंधतंत्र में शामिल हो जाता है तो क्या बीएसए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जैसे एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की साख पर दाग लगाने का काम उसके द्वारा फिर नहीं किया जाएगा। या उसे संरक्षण देने वाले भी खुद उसी के नक्शेकदम पर चलने लगेंगे, चाहे अन्य महिला कर्मचारी भी काम छोड़ने पर मजबूर ही क्यों न हों।
सवाल और भी बहुत हैं लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं, क्योंकि फिलहाल श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल चुनाव कराने में व्यस्त है।
-Legend News
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