रविवार, 21 अक्तूबर 2012

इस तथाकथित संत की हिमाकत तो देखो..

धर्म गुरु आसाराम बापू ने जस्टिस त्रिवेदी कमीशन के आगे पेशी से बचने के लिए इस बार सारी मर्यादाएं तोड़ दी हैं। दो बच्चों की संदिग्ध मौत की जांच कर रहे कमीशन को लिखी अर्जी में आसाराम बापू ने कहा है कि अगर उनका बयान इतना ही जरूरी है तो जांच कमीशन को उनके आश्रम में ही शिफ्ट कर दें या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनका बयान दर्ज किया जाए। आसाराम की इस अर्जी पर पीड़ित पक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। इस अर्जी पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
लगातार विवादों में रहने वाले धर्म गुरु आसाराम बापू जस्टिस त्रिवेदी कमीशन के आगे पेश होने को तैयार नहीं है। त्रिवेदी कमीशन चार साल पहले आसाराम बापू के आश्रम में पढ़ने वाले दो बच्चों की संदिग्ध मौत की जांच कर रहा है। लेकिन इस मामले में कई बार समन जारी होने के आसाराम बापू आज तक अपना बयान देने से बच रहे हैं।
इस बार आसाराम बापू ने जांच कमीशन की अगुवाई कर रहे जस्टिस डी के त्रिवेदी को लिखी अर्जी में कहा है कि अगर उनका बयान इतना ही जरूरी है तो इसके लिए या तो कमीशन का कोई प्रतिनिधि नियुक्त कर दिए जाए या फिर कमीशन के चेयरमैन खुद साबरमती में उनके आश्रम में आ जाएं या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनका बयान ले लें।
इतना ही नहीं, आसाराम बापू ने अर्जी में ये भी कहा है कि इसके लिए जो भी खर्च होगा वो उसे भी देने को तैयार हैं. आसाराम बापू की इस अर्जी पर पीड़ित पक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया है। पीड़ित पक्ष के वकील का आरोप है कि इस मामले में आसाराम बापू सारी मर्यादाएं तोड़ रहे हैं यहां तक कि अब वो जांच कमीशन को खरीदने तक की बात कर रहे हैं।
अपने वकील के जरिए त्रिवेदी कमीशन को भेजी गई अर्जी में आसाराम बापू ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। आसाराम बापू ने अपनी अर्जी में दो हिंसक घटनाओं का जिक्र भी किया है। इनमें से पहली घटना जुलाई 2008 की है जब दो बच्चों की मौत के बाद उनके समर्थक और लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, इसके अलावा 2009 में गांधीनगर में हुई एक रैली में भी हंगामा हुआ था। आसाराम बापू को लगता है कि अगर वो जांच कमीशन के आगे पेश होते हैं तो उनके साथ हजारों की तादाद में समर्थक भी पहुंचेंगे। ऐसे में अगर कुछ शरारती तत्वों ने कोई गड़बड़ी की तो इसका इल्जाम उनपर लगेगा।
यही नहीं, पेशी से बचने के लिए आसाराम बापू ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ढाल बनाया है। आसाराम बापू के मुताबिक नानावटी आयोग के सामने मोदी भी पेश नहीं हुए। मोदी पर भी महज आरोप ही लगे थे। मुझ पर भी महज आरोप ही लगे हैं ऐसे में मेरा कमीशन के आगे आना बेतुका है।
साफ है आसाराम बापू किसी भी हाल में जांच कमीशन के आगे पेश नहीं होना चाहते, इसीलिए वो एक के बाद एक नई दलीलें दे रहे हैं। गौरतलब है कि जुलाई 2008 में दीपेश और अभिषेक नाम के दो बच्चों की संदिग्ध मौत के बाद मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने त्रिवेदी कमीशन बनाया था। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि आश्रम में काला जादू की वजह से उनके बच्चों की मौत हुई और इसके लिए सीधे तौर पर आसाराम बापू जिम्मेदार हैं। इस मामले में पेशी के लिए कमीशन ने कई बार आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साई को समन जारी किए, लेकिन बाप बेटे दोनों ने ही हर बार कोई न कोई बहाना कर अपनी पेशी को टाल दिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया बताते चलें कि ये पोस्‍ट कैसी लगी ?

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...