शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

देश के खिलाफ जहर उगल रहे चैनलों पर रोक की तैयारी

केन्द्र सरकार ने भारत में अवैध रूप से दिखाए जा रहे विदेशी चैनलों का प्रसारण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार का मानना है कि इन चैनलों में दिखाए जा रहे प्रोग्राम न सिर्फ भारत की छवि खराब कर रहे हैं बल्कि सांप्रदायिकता भी बढ़ा रहे हैं। इसमें मुस्लिम उपदेशक जाकिर नायक का पीस टीवी और पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाला QTV भी शामिल है। भारत में इन चैनलों को दिखाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है लेकिन फिर भी अवैध तरीके से इन्हें देखा जा रहा है।
इंग्लिश अखबार मेल टुडे के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने ऐसे 24 चैनलों की लिस्ट बनाई है, जिन्हें भारत के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
ये चैनल पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं से सटे इलाकों में आसानी से देखे जा सकते हैं। इसके अलावा देश के कई हिस्सों में भी केबल ऑपरेटर अवैध रूप से इन्हें डाउनलिंक कर रहे हैं। सरकार ने भी संसद में इन चैनलों के कॉन्टेंट पर चिंता जाहिर की है।
आईबी की चेतावनी के आधार पर सरकार ने इन चैनलों का प्रसारण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी। जल्द ही संसद में केबल टीवी ऐक्ट में संसोधन का प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसमें इन चैनलों को दिखाने पर भारी जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान होगा। उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, असम, श्रीनगर और मुंबई समेत देश के दूसरे हिस्सों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं के बाद सरकार ने पाया कि लोगों को उकसाने में कहीं न कहीं इन चैनलों का भी हाथ रहा है।
भारत के खिलाफ जहर उगल रहे इन चैनलों में ज्यादातर धार्मिक हैं। इनमें पाकिस्तान से चलने वाला QTV, मदनी टीवी, ARY टीवी, पीटीवी, पीटीवी होम, पीटीवी वर्ल्ड, जिओ टीवी, डॉन, एक्सप्रेस, वक़त, नूर टीवी, हादी टीवी, आज, फिल्मैक्स और एसटीवी शामिल हैं। इन चैनलों को जम्मू कश्मीर और पंजाब में आसानी से देखा जा सकता है। बाकी चैनल चोरी-छिपे डाउनलिंक किए जा रहे हैं। इनके अलावा पीस टीवी (दुबई), सउदी टीवी, टीवी मालदीव्स, एनटीवी बांग्लादेश, XYZ, नेपाल टीवी, कांतिपुर नेपाल, अहमदिया (UK) और भूटान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को भी इस कैटिगरी में रखा गया है। ये चैनल नॉर्थ ईस्ट में देखे जा रहे हैं।
मेल टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि QTV और जाकिर नायक के पीस टीवी को दिल्ली और यूपी में केबल के माध्यम से दिखाया जा रहा है। कई केबल ऑपरेटर नहीं जानते कि इन्हें दिखाना गैर-कानूनी है। भारतीय दर्शक भी इन विदेशी चैनलों को देखना पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए पीटीपी को कारगिल वॉर के दौरान ही बैन कर दिया गया था लेकिन आज भी कई इलाकों में केबल ऑपरेटर इसका प्रसारण कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अवैध रूप से दिखाए जा रहे ईरान टीवी पर कुरान के अपमान का विडियो दिखाए जाने के बाद ही जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। इसी तरह से अमेरिका की विवादित फिल्म को लेकर मुंबई में भी लोग उग्र हो उठे थे। इन विदेशी चैनलों में भारतीय सेना की गलत इमेज पेश करके लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिश की जाती है। सरकार का मानना है कि इन चैनलों के माध्यम से किए जा रहे प्रॉपेगैंडा की वजह से देश का माहौल खराब हो रहा है, ऐसे में इन चैनलों पर तुरंत रोक लगाना जरूरी है। 

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