अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती ने 2जी मामले की जांच कर रहे संसदीय दल से आज
कहा कि 2008 में स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए आवेदन आमंत्रित करने के मामले में
जिस प्रेस नोट को उन्होंने मंजूरी दी थी, उसे जारी करने से पहले बदल दिया
गया था।
सूत्रों ने कहा कि टूजी घोटाला मामले में संयुक्त संसदीय के समक्ष उपस्थित होने वाले वाहनवती ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय ने उन्हें एक प्रेस नोट दिखाया था, जिसे उन्होंने मंजूरी दी थी। समझा जाता है कि उन्होंने समिति से कहा कि कुछ दिनों बाद जारी किए गए प्रेस नोट से कुछ बातें गायब थीं।
सूत्रों ने कहा कि वाहनवती ने समिति को सूचित किया कि सीबीआई के समक्ष उन्होंने यही गवाही दी थी। समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि अंतत: दूरसंचार विभाग ने जो नोट जारी किया, उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी को समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया, क्योंकि जिस वक्त टूजी लाइसेंस जारी किए गए उस वक्त वह सॉलीसीटर जनरल थे। वह दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट सहित विभिन्न अदालतों में दूरसंचार विभाग की तरफ से कुछ मामलों में उपस्थित भी हुए थे।
सूत्रों ने कहा कि टूजी घोटाला मामले में संयुक्त संसदीय के समक्ष उपस्थित होने वाले वाहनवती ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय ने उन्हें एक प्रेस नोट दिखाया था, जिसे उन्होंने मंजूरी दी थी। समझा जाता है कि उन्होंने समिति से कहा कि कुछ दिनों बाद जारी किए गए प्रेस नोट से कुछ बातें गायब थीं।
सूत्रों ने कहा कि वाहनवती ने समिति को सूचित किया कि सीबीआई के समक्ष उन्होंने यही गवाही दी थी। समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि अंतत: दूरसंचार विभाग ने जो नोट जारी किया, उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी को समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया, क्योंकि जिस वक्त टूजी लाइसेंस जारी किए गए उस वक्त वह सॉलीसीटर जनरल थे। वह दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट सहित विभिन्न अदालतों में दूरसंचार विभाग की तरफ से कुछ मामलों में उपस्थित भी हुए थे।
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