गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

दूल्‍हा तलाशना आसान मगर मोदी के लिए....

अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सुरक्षा गार्ड ढूंढना दुल्हा तलाशने से कम नहीं है। सुरक्षा में लगने वाले गार्ड के लिए यह जरूरी होता है कि उसे कोई बुरी लत न हो।
मसलन वह तंबाकू नहीं चबाता हो, गुटखा नहीं खाता हो और शराब नहीं पीता हो। शराब नहीं पीने वाले गार्ड चुनना काफी मुश्किल काम है क्योंकि गुजरात पुलिस के ज्यादातर पुलिसकर्मियों को कथित रूप से शराब पीने की लत है।
पिछले दो साल में पुलिस के दस कमाण्डो को मोदी की सुरक्षा से हटा दिया गया। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। इन कमाण्डो को इसलिए मोदी की सुरक्षा से हटाया गया क्योंकि वे तंबाकू चबाने की आदत नहीं छोड़ पा रहे थे।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा टीम के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त बीके झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के बंगले के टॉवर पर डयूटी के वक्त कमाण्डो को गुटखा खाते हुए पाया गया था। मोदी की सुरक्षा में 100 से कम जवान लगे हैं। इनको पुलिस और अर्ध सुरक्षा बलों से चुना गया है।
मोदी शायद आतंकियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर है इसलिए उनकी सुरक्षा में लगने वाले गार्ड के लिए यह सम्मान की बात होती है कि वो उस काम में लगाया जा रहा है। ज्यादातर उत्साहित गार्ड अपनी आदतों को झूठ भी बोलते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऎसे सुरक्षा अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से मुख्यमंत्री की सुरक्षा से निलंबित कर दिया जाता है। उन्हें विभागीय जांच का भी सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री की निजी सुरक्षा में लगाए जाने वाले गार्ड की सामान्यतया आठ-आठ घंटे की शिफ्ट होती है लेकिन जब वे बाहर जाते हैं तो गार्ड को 24 घंटे खड़ा रहना पड़ता है।

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