शनिवार, 27 अप्रैल 2013

विकृत मानसिकता वाले थे महात्‍मा गांधी

नई दिल्‍ली । एक अमेरिकी वेबसाइट ने महात्मा गांधी, बेंजामिन फ्रैंकलिन, विंस्टन चर्चिल और चार्ली चैपलिन समेत छह महान लोगों को विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति बताया है।
वेबसाइट ने अपने एक लेख 'विकृत मानसिकता वाले छह प्रसिद्ध प्रतिभाशाली व्यक्ति' (6 Famous Geniuses You Won't Believe Were Perverts) में इन सभी महान लोगों के सकारात्‍मक पक्ष को बताने के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत जीवन के कुछ स्याह पहलुओं को भी पेश किया है।
लेख के अनुसार, भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने में गांधी की अहम् भूमिका रही है और वह निर्विवादित रूप से एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता हैं। यह भी सत्य है कि 37 साल की उम्र तक उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन किया। हालांकि बाद में वह युवतियों के साथ सोने लगे और यह सिलसिला 70 साल की उम्र तक जारी रहा।
लेख कहता है कि गांधी जी का मानना था, युवतियों के साथ सोना ब्रह्मचर्य के विस्तार का अगला चरण है। वह इससे खुद को नियंत्रित करने का अभ्यास करते हैं।
लेख के मुताबिक गांधी आश्रम के कड़े नियम कायदों के अनुसार उन युवतियों को अपने पति के साथ सोने की इजाजत नहीं थी। वे गांधी की सभाओं में शामिल होती थीं। वे युवतियां न केवल गांधी के साथ नग्नावस्‍था में सोती थीं बल्कि उनके साथ नहाती भी थीं।
इतना ही नहीं, वे उनके सामने ही अपने एक-एक कपड़े उतारती थीं क्योंकि मोह माया से मुक्त जीवन का रास्‍ता यहीं से जाता है।
लेख के मुताबिक गांधी अपने 18 साल की नातिन को बंगाल की यात्रा पर साथ ले गए।
उन्होंने पूरे बंगाल यात्रा के दौरान उसे नग्न होकर साथ सोने को कहा।
उन्होंने तब नातिन से कहा था कि बंगाल के कुछ क्रोधित मुसलमान उन दोनों की हत्या कर सकते हैं।
यह सत्य है, गांधी ने अपनी एक भतीजी को नग्न होकर अपने साथ सोने के लिए कहा ‌था क्योंकि उस समय उन्होंने दोनों की अचानक हत्या की आशंका जताई थी।
लेख के अनुसार, 'हम यह नहीं कहते कि व‌ह छिप कर हर रात नंगी युवतियों के साथ सोते थे, हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारा यह कहना है कि गांधी का युवतियों के साथ नग्न होकर सोने का मकसद सेक्स करना नहीं था ‌बल्कि यह एक प्रकार की विकृति थी। (एजेंसी)

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