सोमवार, 8 अप्रैल 2013

स्वीडिश कंपनी के दलाल थे राजीव गांधी

विकीलीक्स ने खुलासा किया है कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से इंडियन एयरलाइंस के पायलट की नौकरी के दौरान स्वीडिश कंपनी साब-स्कानिया के लिए संभवत: दलाली करते थे।
कंपनी 70 के दशक में भारत को फाइटर प्लेन विजेन बेचने की कोशिश कर रही थी। कांग्रेस ने फिलहाल इस खुलासे पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन पूरे आसार है कि विपक्षी पार्टियां इस मामले को तूल देंगी।
विकीलीक्स ने यह खुलासा हेनरी किसिंजर केबल्स के हवाले से किया है। हेनरी किसिंजर अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं।
हालांकि स्वीडिश कंपनी के साथ सौदा नहीं हो पाया था और ब्रिटिश जगुआर ने बाजी मार ली थी। विकीलीक्स केबल्स के मुताबिक आपतकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडीज ने अंडर ग्राउंड रहते हुए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से आर्थिक मदद भी मांगी थी।
राजीव गांधी 1980 तक राजनीति से दूर रहे थे। संजय गांधी की मौत के बाद इंदिरा गांधी उन्हें उन्हें बतौर मिस्टर क्लीन राजनीति में लेकर आईं। हालांकि बतौर प्रधानमंत्री पहले कार्यकाल में ही वह एक दूसरी स्वीडिश कंपनी से बोफोर्स तोपों की खरीद के लिए हुए सौदे में घूसखोरी के आरोपों से घिर गए और इसकी वजह से 1989 के आम चुनावों में उनकी पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ा।
-एजेंसी

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