सोमवार, 13 मई 2013

कोयले को भी नहीं छोड़ा, बचा क्या

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। मोदी का यह संबोधन 53वें गुजरात दिवस के मौके पर हुआ है।
भरोसे की बहाली जरूरी
हाल ही हुए घोटालों व यूपीए पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "उच्च स्तर पर कुछ व्यक्तियों के कुशासन ने 120 करोड़ भारतीयों का भरोसा तोड़ा है। अब उस भरोसे को बहाल करने का समय आ गया है। भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती भरोसे की कमी है। हम उस भरोसे को फिर से स्थापित करना होगा। यहां तक की कोयले को भी नहीं छोड़ा गया। बचा क्या है?"
दुनिया की नजरें हम पर
मोदी ने सुबह छह बजे गांधीनगर स्थित मुख्यमंत्री निवास के अपने कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अमरीका में रहने वाले गुजराती-भारतीय समुदायों को एक साथ सम्बोधित किया। मोदी ने गुजरातियों की विदेश में सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर उनकी भूमिका के लिए प्रशंसा की। अपने राज्य की सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र करते हए मोदी ने कहा, दुनिया भारत की ओर नजरे गड़ाए हुए है।
विकास का फायदा मछुआरों को भी मिला
मोदी ने कहा, विकास समान व सम्मिलित होना चाहिए। विकास का प्रभाव आदिवासियों व मछुआरों सहित सभी पर होना चाहिए। जहां तक आधारभूत ढांचे की है, हमने पूरे गुजरात में सड़कों का जाल बिछा दिया। पहले एक सीधी लाइन थी जो राजस्थान से गुजरात होकर महाराष्ट्र को जाती थी। मैंने समानांतर सड़कों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया और यह ध्यान में रखा की विकास का फायदा मछुआरों को भी मिले।
महिलाओं-युवाओं को विकास में शामिल करना होगा
मोदी ने कहा, 2008 में विश्व में मंदी का संकट आया लेकिन हम विकास के कारण इससे बचे रहे। अब हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि हम महिलाओं को विकास में कैसे सहभागी बना सकते हैं। युवाओं को उत्साहित कर उन्हें विकास के पथ में शामिल करने की आवश्यकता है।
-एजेंसी 


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