बुधवार, 8 मई 2013

PM को बचाने के लिए ही बदली गई 'कोलगेट' रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। कोयला घोटाले में सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के हलफनामे में सरकार की पोल खुलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज इसकी अहम सुनवाई होगी। अब यह साफ हो चुका है कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार, पीएमओ और कोयला मंत्रियों के अधिकारियों ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट में बदलाव करवाए थे। जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुआई वाली तीन सदस्यीय बेंच छह मई को दाखिल सीबीआई के दूसरे हलफनामे पर गौर करेगी। इसमें बताया गया है कि जांच रिपोर्ट में क्या बदलाव हुए और किसके कहने पर किए गए।
सीबीआई के हलफनामे से पता चलता है कि जांच रिपोर्ट से कानून मंत्री और अधिकारियों ने 2006 से 2009 के दौरान कोयला ब्लॉक आवंटन में बरती गईं अनियमितता से जुड़े हिस्से हटाए। इसका मकसद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कठघरे में लाने से बचाना है, क्योंकि उस दौरान कोयला मंत्रालय भी प्रधानमंत्री के पास ही था।
बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में कुछ ऐसे हिस्से भी जोड़े गए ताकि पूर्ववर्ती एनडीए सरकार कठघरे में आए।
सीबीआई की जांच रिपोर्ट में अहम बदलाव कराए जाने का खुलासा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों के बाद सरकार के लिए कानून मंत्री अश्विनी कुमार को बचा पाना बेहद मुश्किल होगा। सीबीआई ऑफिसरों को तलब कर कोयला घोटाले की जांच रिपोर्ट में अहम बदलाव कराने के मामले में विपक्ष अश्विनी कुमार के इस्तीफे को लेकर पहले से ही संसद नहीं चलने दे रहा है।
अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती पर भी सुप्रीम कोर्ट की नजरें टेढ़ी हो सकती हैं। वाहनवती ने कोर्ट में दावा किया था कि उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी, लेकिन सीबीआई डायरेक्टर के नौ पेज के हलफनामे में साफ कहा गया है कि अटॉर्नी जनरल ने रिपोर्ट देखी थी और उनके सुझाव पर भी कुछ बदलाव किए गए थे।-(एजेंसी)

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