सोमवार, 3 जून 2013

'खिलाड़ी' धोनी का बिजनेस में बड़ा खेल

'खिलाड़ी' धोनी का बिजनेस में बड़ा खेल
खेल...खिलाड़ी का या मदारी का ?
एक खेल से आखिर कितने खेल खेलेंगे इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी। अपनी स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म के ज़रिये बिजनेसमैन धोनी के हितों के टकरा रहे हैं क्रिकेट के हित?

इसी मुद्दे पर एक अंग्रेजी अखबार ने कुछ इनवेस्टिगेटेड तथ्‍यों को उजागर किया है। इस जांच के हिसाब से एक स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म में धोनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी इनके प्रोफेशनल लाइफ को मैनेज करती है। कंपनी के कई बिजनेस एसोसिएशंस हैं, जिससे कम से कम 2 मामले में प्रोपराइटरशिप और प्रोफेशनल हितों के टकराव की स्थिति बनती है।
पहली स्थिति में धोनी क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के लिए इंडियन टीम के कप्तान हैं। इनकी स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट 4 और क्रिकेटर्स को मैनेज करती है। ये क्रिकेटर सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, प्रज्ञान ओझा और आर.पी. सिंह हैं। कंपनी धोनी के करीबी दोस्त और कारोबारी सहयोगी अरुण पांडेय चलाते हैं।
इससे हितों के टकराव की स्थिति बनती है। चारों प्लेयर्स के मैनेजमेंट से कंपनी को मिले प्रॉफिट का 15 हिस्सा धोनी को मिलता है। धोनी कप्तान के तौर पर टीम सिलेक्शन मीटिंग में अपनी राय या वोट देते हैं और सिलेक्शन के लिए उनके सामने इन 4 खिलाड़ियों का भी नाम आता है। 2002-03 में सिलेक्टर रहे कीर्ति आजाद के मुताबिक, 'इससे सचमुच हितों के टकराव की स्थिति बनती है।'
इस बारे में पूछे जाने पर बीसीसीआई के जॉइंट सेक्रेट्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'मैं यह पहली बार सुन रहा हूं। यह चिंता वाली बात है। हम मामले की जांच कर सकते हैं।' धोनी ने 31 मई को ई-मेल से भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया और पांडेय ने इसके बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया है।
दूसरे रूप में धोनी को आईपीएल टीम सीएसके के कप्तान के तौर पर देखते हैं। इस टीम में इनके अलावा सुरेश रैना और जाडेजा भी हैं। टीम के प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन पर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने और बुकी को सीएसके टीम की जानकारी देने के आरोप लगे हैं। स्पॉट फिक्सिंग और बेटिंग स्कैंडल पर धोनी अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। इससे सवाल उठने लगा कि कहीं धोनी ने ऋति और खुद को सीएसके से कनेक्ट करने वाली बात को लेकर अपने पोजीशन से समझौता तो नहीं कर लिया।
मयप्पन बीसीसीआई के प्रेसीडेंट एन. श्रीनिवासन के दामाद हैं। श्रीनिवासन ने जनवरी 2012 में लगातार 8 टेस्ट मैच हारने के बाद धोनी को कप्तान और खिलाड़ी दोनों के तौर पर टीम से बाहर रखने के 2-3 से पास हो रहे प्रस्ताव पर कथित तौर पर वीटो किया था। श्रीनिवासन इंडिया सीमेंट्स (सीएसके की मालिक) के मालिक हैं और धोनी कंपनी के वाइस प्रेजिडेंट हैं। ऋति सीएसके की मार्केटिंग करती है।
इंडिया स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का विरोध करने वाले वकील राहुल मेहरा कहते हैं, 'धोनी सत्ता के गलियारे का हिस्सा हैं। कौन सिलेक्टर धोनी का विरोध करेगा जब वह सीएसके के थिंक टैंक का हिस्सा होंगे, जिसका मालिकाना हक बीसीसीआई प्रेसीडेंट की कंपनी के पास हो और वह खुद (धोनी) कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट हों।'
दिल्ली के लिए खेलने वाला एक युवा क्रिकेटर कोई प्रतिद्वंदी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट फर्म जॉइन करने को लेकर आशंकित है। नाम न छापने की शर्त पर क्रिकेटर ने बताया कि ऐसा करना टीम इंडिया में उसके सिलेक्शन को प्रभावित भी कर सकता है।(एजेंसी)

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