गुरुवार, 9 जनवरी 2014

जनहित की नई परिभाष गढ़ रही सपा: मंत्री से रेप केस वापस लेंगे CM

लखनऊ। 
सरकार ने अब स्टैंप एवं पंजीयन राज्य मंत्री मनोज कुमार पारस पर चल रहे रेप के मुकद्दमे को वापस लेने का फैसला किया है। न्याय विभाग के विशेष सचिव रंगनाथ पांडेय ने बिजनौर के डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार जनहित में इस मुकद्दमे को वापस लेना चाहती है। बिजनौर कोर्ट में चल रहे इस मुकद्दमे की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है।
न्याय विभाग के विशेष सचिव रंगनाथ पांडेय की ओर से डीएम को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि थाना नगीना, जिला बिजनौर में दर्ज इस मुकद्दमे के तथ्यों और उपलब्ध आख्या पर विचार के बाद सरकार ने जनहित व न्यायहित में वापस लेने का फैसला लिया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि राज्यपाल ने भी इस मुकद्दमे के अभियोजन को वापस लेने के लिए लोक अभियोजनक को न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश करने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट में दाखिल किया प्रार्थना-पत्र
पत्र मिलने के बाद बिजनौर के सहायक लोक अभियोजक ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है। अर्जी में कहा गया है कि जनहित में सरकार ने केस वापस लेने का फैसला किया है। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि अदालत में मुकद्दमों का भार ज्यादा है, ऐसे में इस तरह के मामलों को न्यायहित में वापस लिया जाना चाहिए।
2006 में लगा था आरोप
नगीना के विधायक और मंत्री मनोज कुमार पारस पर आरोप लगा था कि एक दलित महिला को अपने घर बुलाकर 8 दिसंबर, 2006 को 3 सहयोगियों के साथ रेप किया था। महिला को राशन की दुकान आवंटित कराने का लालच दिया गया था। तब राज्य में एसपी की सरकार थी। महिला ने काफी प्रयास किया पर उसका केस दर्ज नहीं हुआ। 19 दिसंबर, 2006 को महिला ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी तो 15 जनवरी, 2007 को उसका केस दर्ज किया गया। मंत्री और उसके सहयोगियों पर गैंग रेप, एससी-एसटी ऐक्ट दर्ज है। बिजनौर कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ कुर्की के आदेश जारी किए तो मंत्री ने हाई कोर्ट से इस पर स्टे ले लिया।
इस मुद्दे पर विक्टिम की वकील ऐश्वर्य चैधरी ने कहा, 'सरकार इतने गंभीर मामले में भी मंत्री को संरक्षण दे रही है, साथ ही कानून का भी उल्लंघन कर रही है। अभी यह मामला हाईकोर्ट से स्टे है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार इस मामले को तब तक वापस नहीं लिया जा सकता जब तक कि इसमें पीड़ित महिला की अनुमति न हो।'
बिजनौर के डीएम ने कहा, 'शासन से इस मामले का एक पत्र जरूर मिला है लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस पर विचार किया जा रहा है।'
-एजेंसी

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