बुधवार, 8 जनवरी 2014

ये रहे हमारे नीरो और उनकी बांसुरी

लखनऊ। 
यूपी के मुजफ्फरनगर दंगों को अभी ज्यादा वक्त नहीं बीता है। दंगा पीड़ित अभी भी मुसीबतों से भरी जिंदगी जीने को मजूबर हैं। कंपकंपा देने वाली ठंड में वह बिना बुनियादी सुविधाओं के खुले आसमान में रहने पर मजबूर हैं। इनको राहत देने की बजाय उत्तर प्रदेश सरकार के आठ राज्य मंत्री और नौ विधायक पांच देशों की स्टडी यात्रा पर निकले हैं। गौरतलब है कि सरकार मुजफ्फरनगर दंगों में अव्यवस्था को लेकर आलोचना झेल रही है। समूह में एक भाजपा और आरजेडी विधायक के साथ राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी भी शामिल हैं।
यूपी के नेताओं का दल 18 दिन विदेश में रहेगा। राज्य की कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के सदस्य मंत्री और विधायक टर्की, नीदरलैंड, यूके, ग्रीस और यूएई की सरकारी खर्च पर यात्रा करेंगे। यह यात्रा एक तरह से सवैतनिक छुटि्टयों की तरह होती है। यात्रा का उद्देश्‍य दूसरे देशों की पार्लियामेंट्री टेक्नीक्स सीखना होता है।
मंत्रियों और विधायकों का यह दल आज सुबह इस्तांबुल के लिए रवाना हुआ। समाजवादी सरकार ने यात्रा के लिए करीब एक करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। दल शहरी विकास मंत्री आजम खान के नेतृत्व में गया है। मुजफ्फरनगर जिले का चार्ज भी इन्ही के पास है।
सिंतबर 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के हजारों पीड़ित अब भी घर से बाहर राहत शिविरों में रह रहे हैं। कड़कड़ाती ठंड में बिना बुनियादी सुविधाओं और ठंड के बचने के कपड़ों के बिना जिंदगी जूझ रहे हैं। राज्य सरकार पीड़ितों को जबर्दस्ती अपने घरों में वापस भेजने के लिए दबाव बना रही है। सरकार ने आलोचना से बचने के लिए यह कदम उठाया है।
यात्रा करने वाले समूह में विवादित मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या भी शामिल हैं। हाल में राजा भैया पर एक पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। आठ महीने के बाद उन्हें अखिलेश के कैबिनेट में दोबारा से शामिल कर लिया गया था।
-एजेंसी

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