शुक्रवार, 27 जून 2014

अन्‍ना और रामदेव फिर आए साथ, श्री-श्री रविशंकर भी जुड़े

नई दिल्ली। 
समाजसेवी अन्ना हजारे ग्रेट इंडिया मूवमेंट या श्रेष्ठ भारत अभियान से जुड़ गए हैं। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर वह दिल्ली में इसकी शुरुआत करेंगे। इस अभियान में उनके साथ आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर तथा योग गुरु बाबा रामदेव भी होंगे। इस गैरराजनीतिक अभियान का मकसद समाज में व्यवस्थित ढंग से परिवर्तन लाना है। इस अभियान की शुरुआत आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और केजरीवाल के विरोधी रहे अश्विनी उपाध्याय ने की है।
इस अभियान की कोर कमेटी में प्रोफेसर जगमोहन राजपूत (एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक), जस्टिस डीएस तेवतिया (कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस), आईपीएस प्रकाश सिंह (उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी), आईपीएस शशिकांत (पंजाब के पूर्व डीजीपी), प्रभात चतुर्वेदी (पूर्व श्रम सचिव), डॉ. वेद प्रताप वैदिक, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील राम जेठमलानी, पर्यावरणविद् राजेंद्र सिंह शामिल हैं।
केजरीवाल पर कुछ गंभीर आरोप लगाने के बाद पार्टी ने उपाध्‍याय को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया था। वह आप के नेशनल काउंस‍िल के सदस्‍य भी रह चुके हैं। उपाध्‍याय ने पिछले दिनों बेंगलुरु में अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि हमारी योजना केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने की है लेकिन अगर कहीं गलत हुआ तो हम विरोध भी करेंगे। उपाध्याय के मुताबिक, 'हमने अभियान के तहत सरकारों को सुझाव देने के लिए पांच खास क्षेत्र चुने हैं जिनमें चुनाव, पुलिस, न्यायपालिका, कृषि और शिक्षा शामिल है।' हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संगठन गैर-राजनीतिक है और इसका किसी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं होगा। साथ ही, संगठन केजरीवाल या उनकी पार्टी के समानांतर दूसरी पार्टी बनाने जैसा बिल्कुल भी नहीं है। दूसरी ओर, उपाध्याय के श्रेष्ठ भारत अभियान में कुछ विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, जिनमें संतोष हेगड़े भी शामिल बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर, पूर्व AAP नेता शाजिया इल्मी के जुड़ने की पुष्टि होना भी अभी बाकी है। बताया गया है कि उन्हें मनाने के लिए अन्ना हजारे ने अपने प्रतिनिधि विनायक राव पाटिल को भेजा था।
उधर, श्री-श्री रविशंकर ने अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी को 'सख्‍त लेकिन नरमदिल इंसान' की संज्ञा दी है। रविशंकर नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। वॉशिंगटन में एक थिंक टैंक की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रविशंकर को मोदी के बारे में बोलने के लिए कहा गया था। रविशंकर ने कहा, ''हालांकि, मोदी बेहद सख्‍त हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक नरमदिल इंसान भी हैं। ''रविशंकर के अलावा रामदेव भी मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। रामदेव ने तो मोदी को पीएम बनाने के लिए अभियान तक चलाया था। उधर, अन्‍ना हजारे ने भी हाल ही में मोदी की बतौर पीएम तारीफ की थी। अन्‍ना ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा था कि ऐसा लगता है कि अच्‍छे दिन आने वाले हैं। अन्‍ना, रविशंकर और रामदेव की इस तिकड़ी की मोदी से नजदीकी कांग्रेस और केजरीवाल, दोनों के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है।
लोकपाल आंदोलन के बाद यह पहली बार होगा, जब अन्ना हजारे और बाबा रामदेव साथ होंगे। अन्ना के आंदोलन को बाबा रामदेव ने भी अपना समर्थन दिया था। इसी के चलते भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने दो साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान पर अनशन भी किया गया, जिसमें उन्होंने काले धन को भारत वापस लाने की सरकार से मांग की थी। हालांकि, आंदोलन का पटाक्षेप बेहद नाटकीय ढंग से हुआ था लेकिन इसके बाद ही केंद्र की यूपीए सरकार और कांग्रेस के खिलाफ बाबा रामदेव ने देश भर में यात्राएं की और कांग्रेस को वोट न देने की अपील भी की। वहीं, अन्ना हजारे अरविंद केजरीवाल द्वारा पार्टी बनाने से नाराज होकर अलग हो गए थे। अब तक वे सिर्फ लोकसभा चुनावों में प. बंगाल में ही सक्रिय दिखे, जहां वे ममता बनर्जी को समर्थन दे रहे थे। इसके अलावा, उनकी दिल्ली दौड़ थम-सी गई थी और वे अपना ज्यादातर समय अपने गांव रालेगणसिद्धि में ही बिता रहे थे।
श्रेष्ठ भारत अभियान की शुरुआत करने वाले आम आदमी पार्टी के ही एक नाराज नेता है, तो निश्चित तौर पर इससे आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अन्ना पहले ही अरविंद के राजनीतिक कदमों का विरोध करते रहे हैं। ऐसे में, वे इस अभियान के जरिए अपना पुराना जनाधार एकत्र कर सकते हैं। वहीं, अभियान में शामिल अन्य शख्सियतें भी कालांतर में किसी न किसी तरह अरविंद केजरीवाल, लोकपाल आंदोलन या अन्ना हजारे से जुड़े रहे हैं। दूसरी ओर, 'आप' फिलहाल अंदरूनी कलह से जूझ रही है और दिल्ली में भी उसका जनाधार डांवाडोल है। ऐसे में, आप कार्यकर्ताओं और दूसरे नेता श्रेष्ठ भारत अभियान में अन्ना हजारे और अन्य महत्वपूर्ण लोगों की मौजूदगी के चलते 'आप' छोड़ सकते हैं। संभव है कि भविष्य में यह संगठन आप का विकल्प बन जाए।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, रामदेव इस पार्टी को अपना दुश्‍मन नंबर 1 मानते हैं। मोदी के करीबी रामदेव एनडीए के सत्‍ता में होने की वजह से कांग्रेस पर हमला बोलने के मामले में और ज्‍यादा मुखर होकर सामने आ सकते हैं। उधर, अन्‍ना हजारे और रविशंकर की सामाजिक प्रतिष्‍ठा का फायदा बीजेपी को मिल सकता है, जो एक तरह से कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दलों के लिए नुकसान ही साबित होगा।

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