गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016

ब्रजभूमि में भी सक्रिय हो रहा है Notorious अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकी संगठन ISIS

http://legendnews.in/the-isis-notorious-international-terrorist-organization-has-been-active-in-brajbhumi/
-SIMI के पुराने सक्रिय सदस्‍यों और पदाधिकारियों से संपर्क साध रहे हैं Notorious ISIS के एजेंट
-LIU, IB तथा MI को भी भनक लेकिन नहीं उठाए जा रह कठोर कदम
-स्‍थानीय मीडिया, पुलिस-प्रशासन और सत्‍ताधारी पार्टी में अच्‍छी घुसपैठ बना चुके हैं संदिग्‍ध तत्‍व
विश्‍व का Notorious आतंकवदी संगठन ”इस्‍लामिक स्‍टेट ऑफ इराक एंड सीरिया” (ISIS) क्‍या ब्रजभूमि में भी सक्रिय हो रहा है?
क्‍या कृष्‍ण की नगरी में भी उसने अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं?
इन सवालों के स्‍पष्‍ट उत्‍तर भले ही आज न मिल सकें किंतु इस विश्‍व प्रसिद्ध धार्मिक जनपद में ऐसी आशंकाएं पूरी तरह नजर आती हैं।
विश्‍वस्‍त सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार ISIS ने मथुरा सहित समूचे ब्रज मंडल में उन तत्‍वों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है जो पहले कभी किसी आतंकी संगठन का हिस्‍सा रहे हैं अथवा जिनकी रुचि ऐसे किसी संगठन में कभी रही है।
उल्‍लेखनीय है कि मथुरा शहर और जनपद में कुछ वर्ष पहले तक Students Islamic Movement of India (SIMI) काफी सक्रिय रहा है और यहां बाकायदा उसके पदाधिकारी भी हुआ करते थे। इन पदाधिकारियों की समय-समय पर धरपकड़ भी हुई और इस संगठन से जुड़े लोगों पर पुलिस-प्रशासन की पैनी नजर बनी रही।
शासन स्‍तर से प्रतिबंधित कर दिए जाने तथा कड़ाई बरते जाने के बाद इस धार्मिक जनपद में सिमी की गतिविधियां कुछ ठंडी जरूर पड़ीं किंतु पूरी तरह समाप्‍त कभी नहीं हुईं।
सिमी से जुड़े मथुरा के संदिग्‍धों ने इस दौरान अपना चोला बदल लिया लेकिन उनकी फितरत वही रही लिहाजा चोला बदल लेने के बावजूद वह संदिग्‍ध गतिविधियों में किसी न किसी प्रकार लिप्‍त रहे।
यही कारण है कि देश के किसी भी हिस्‍से में हुई आतंकी वारदातों के तार ब्रजभूमि से जुड़े, चाहे उसमें पुलिस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई।
हाल ही में मथुरा से सटी हरियाणा की सीमा के मेवात क्षेत्र से एनआईए ने एक ऐसे कुख्‍यात आतंकवादी की गिरफ्तारी की थी जो अपने साथियों के साथ गणतंत्र दिवस पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
एनआईए ने उससे मिली जानकारी के बाद देश के तमाम दूसरे हिस्‍सों से भी आतंकवादियों की धरपकड़ की। फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है।
मथुरा से हरियाणा का मेवात इलाका न केवल राष्‍ट्रीय राजमार्ग नंबर-2 के जरिए सीधे-सीधे जुड़ा है बल्‍कि मथुरा जनपद के ही थाना बरसाना क्षेत्र का गांव हाथिया भी मेवात से जुड़ा हुआ है। हाथिया अपने आपराधिक चरित्र के लिए देशभर में कुख्‍यात है और बड़े अपराधियों व आतंकवादियों की शरणस्‍थली के रूप में पहचाना जाता है।
हाथिया में एक ओर जहां टटलू काटने का काम बड़े स्‍तर पर होता है वहीं दूसरी ओर हर किस्‍म के अत्‍याधुनिक अवैध हथियारों का बड़ा अड्डा है। हाथिया में AK सीरीज के हथियार हर वक्‍त बिक्री के लिए उपलब्‍ध रहते हैं और दूसरे घातक हथियारों की खेप यहां से देश के विभिन्‍न क्षेत्रों को भेजी जाती है।
इस सबके अलावा चाहे मामला बड़े पैमाने पर हर तरह के वाहनों की चोरी का हो अथवा भैंस आदि को चुराकर उनकी फिरौती वसूलने का, हर मामले में हाथिया नंबर एक पर आता है। हाथिया के आपराधिक चरित्र वाले मेवात समुदाय का हरियाणा के मेवातों से रोटी-बेटी का संबंध है। इनकी यहां अच्‍छी-खासी रिश्‍तेदारियां हैं।
हाथिया और मेवात के अपराधी अपनी जुगलबंदी से मथुरा की सीमा में पड़ने वाले करीब 90 किलोमीटर लंबे NH-2 को हर वक्‍त दहलाए रहते हैं।
यह लोग वारदात को अंजाम देने के लिए खुलेआम लाल और नीली बत्‍ती वाली गाड़ियों का इस्‍तेमाल करते हैं और पुलिस इनके सामने पूरी तरह असहाय बनी रहती है।
हाथिया के अपराधियों का पुलिस में कितना खौफ है यह अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस हाथिया के अंदर किसी वांछित की गिरफ्तारी के लिए भी आसानी से नहीं जाती।
यदा-कदा जब जाती है तो इतनी बड़ी तादाद में कि समूचा हाथिया पुलिस की छावनी दिखाई देने लगता है। उसके बाद भी हाथिया के अपराधी पुलिस से टकराने में कतई नहीं चूकते।
हाथिया के अलावा मथुरा शहर में भी कुछ खास बस्‍तियां इस तरह की हैं जहां हर किस्‍म का अपराध तथा अपराधी संरक्षण पाते हैं और पुलिस यह बात बहुत अच्‍छी तरह जानती भी है किंतु वह कभी वहां दविश देने की हिमाकत नहीं करती।
अगर कभी पुलिस ने इन बस्‍तियों में घुसने का प्रयास भी किया है तो उसे मुंह की खानी पड़ी है। यह वही बस्‍तियां हैं जिनमें सिमी के पदाधिकारी भी रहते हैं और पड़ोसी मुल्‍क के लिए स्‍लीपर सैल की तरह काम करने वाले तत्‍व भी।
बताया जाता है IS ने बाकायदा ऐसे तत्‍वों की अपने स्‍तर से जानकारी एकत्र की है और उसके एजेंट अब इन्‍हें ISIS के लिए काम करने को तैयार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस बात की भनक मथुरा की लोकल इंटेलीजेंस यूनिट सहित यहां तैनात आईबी के अधिकारियों को भी लग चुकी है और मिलेट्री इंटेलीजेंस को भी किंतु अभी तक उन्‍हें कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है।
इंटेलीजेंस ऐजेंसियों को कामयाबी न मिल पाने की एक वजह यह बताई जाती है कि नापाक इरादे वाले तत्‍व बड़े पैमाने पर पहले से ही पुलिस के अंदर तक अपनी पकड़ बनाए हुए हैं।
ऐसे तत्‍व पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, सत्‍ताधारी पार्टी के नेताओं तथा आर्मी इंटेलीजेंस तक में घुसपैठ कर चुके हैं। कई तत्‍वों ने तो इसके लिए ‘मीडिया’ को आड़ बना रखा है। मीडियाकर्मी के रूप में यह लोग बड़ी आसानी से पुलिस, प्रशासन, शासन और यहां तक कि आर्मी में भी अंदर तक घुसे हुए हैं।
IS के एजेंट भी इन बातों से भली प्रकार वाकिफ हैं और इसीलिए उन्‍हें इनसे संपर्क साधने में कोई खास परेशानी नहीं होती।
आश्‍चर्य की बात यह है कि किसी दूसरे प्रदेश या राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक गाड़ी भी चोरी हो जाती है तो हाई अलर्ट घोषित कर दिया जाता है किंतु ब्रजक्षेत्र में हर दिन बेहिसाब गाड़ियों की चोरी तथा लूट होती है किंतु यहां हाई अलर्ट घोषित करना तो दूर सेम डे एफआईआर भी दर्ज नहीं की जाती।
ऐसे में यह उम्‍मीद कैसे की जा सकती है कि स्‍थानीय पुलिस-प्रशासन IS जैसे अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकी संगठन की गतिविधियों को समय रहते रोक पायेगा और उसके मंसूबों पर पानी फेरने में सफल होगा।
कहीं ऐसा न हो कि अब तक ”भेड़िया आया…भेड़िया आया” की रट को अपनी चिर-परिचित कार्यशैली से सुनने व देखने वाला पुलिस प्रशासन तभी चेते जब भेड़िया अपने नापाक मंसूबे पूरे कर पाने में सफल हो जाए और विश्‍व प्रसिद्ध यह धार्मिक स्‍थल भेड़ियों का शिकार बन चुका हो।
चूंकि मथुरा की भौगोलिक स्‍थिति हर किस्‍म के अपराध और अपराधियों के लिए काफी मुफीद है इसलिए बेहतर होगा कि शासन-प्रशासन समय रहते यहां मंडरा रहे खतरे को कठोर कार्यवाही करते हुए IS के मंसूबों पर पानी फेर दे अन्‍यथा स्‍थिति को हाथ से निकलने में बहुत देर नहीं लगेगी।
-लीजेंड न्‍यूज़

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया बताते चलें कि ये पोस्‍ट कैसी लगी ?

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...