विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सख्त हुए चुनाव आयोग ने शनिवार को एक न्यूज चैनल द्वारा किये गए स्टिंग ऑपरेशन में कारपोरेट से धन लेने की बात कबूलते दिखाए गए कुछ सियासी दलों के प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किया है|
जानकारी के अनुसार, वीडियो टेप देखने के बाद इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने कहा है कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए धन लेना या देना आईपीसी के तहत रिश्वतखोरी का अपराध है| चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से एक अध्यादेश जारी कर रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने के लिए कानून में जरूरी संशोधन करने की अपील भी की है|
आयोग ने कहा है कि स्टिंग ऑपरेशन में दिखाए गए मामले बहुत ही संगीन हैं, जिससे निपटने के लिए कानून में संशोधन अतिआवश्यक है| आयोग ने कहा है वोटरों को प्रभावित करने की नीयत के साथ ही चुनावी खर्चे के लिए धन लेने की बात स्वीकार करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ आरोप साबित हुए तो उन्हें 1 साल तक ही जेल होगी या फिर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है| यही नहीं अगर वह चुन लिए जाते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है| इसके साथ ही आयोग ने आयकर विभाग से भी धन के स्रोत की जांच करने के लिए कहा है|
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