शनिवार, 5 मई 2012

नक्सलियों की बैठक में जाते थे कलेक्टर एलेक्स


रायपुर । सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन नक्सलियों की बैठकों में भाग लेते रहे हैं और इससे पहले भी एक बार नक्सलियों ने उनका अपहरण किया था. कहा जा रहा है कि तब वे आठ घंटों तक नक्सलियों के चंगुल में रहे थे. हालांकि कलेक्टर का कहना है कि इससे पहले उनका अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि नक्सलियों ने उन्हें रोका था और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था.
12 दिनों बाद नक्सलियों के चंगुल से मुक्त हो कर आये सुकमा के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन को लेकर अब तरह-तरह के राज सामने आने लगे हैं. बस्तर के विशेषज्ञ और नृविज्ञानी डॉक्टर नंदिनी सुंदर ने शनिवार को एक अखबार में दावा किया है कि इसी साल जब वे इलाके के लोकप्रिय वामपंथी नेता मनीष कुंजाम के साथ सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन से मिली थीं तो मेनन ने बताया था कि वे नक्सलियों की बैठकों में भाग लिया करते थे.
नंदिनी सुंदर ने लिखा है- “सुकमा के सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के साथ मैं मेनन से जनवरी में मिली थी. तब में ताडेमेटला से लौटी थी, जहां सीबीआई गांव वालों पर स्पेशल पुलिस अधिकारियों के हमले की जांच कर रही थी.”
नंदिनी सुंदर के अनुसार-“ मनीष के साथ मैंने मेनन से यही कहा कि ऐसे माहौल में इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान के तहत विकास कैसे होगा क्योंकि अंदर के गावों में तो यह कभी नहीं पहुंचेगा? कोई सरपंच गांव में रहता नहीं है और पैसे सिर्फ कागजों पर खर्च हो रहे हैं. मेनन ने कहा था कि वह कुछ बुनियादी बदलाव चाहते हैं, मसलन खेती की स्थिति में सुधार.”
नंदिनी सुंदर ने कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के हवाले से लिखा है कि “मेनन ने यह भी बताया बीजापुर की अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान वे किस तरह माओवादियों की बैठक में जाते थे लेकिन विनील कृष्णा को बंधक बनाने के बाद सरकार ने अपने सभी अधिकारियों पर अकेले कहीं जाने पर रोक लगा दी.”
बस्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण किताबें लिखने वाली नंदिनी सुंदर ने लिखा है कि- “हम इस पर सहमत थे कि अधिकारियों के अपहरण कर माओवादी गांववालों का कोई भला नहीं कर रहे हैं. वहां यह देखने वाला कोई नहीं है कि स्कूल और आंगनवाड़ी चल रहे हैं या नहीं. लेकिन नक्सल पीड़ित इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले लोगों का ध्यान व्यवस्था को सामान्य बनाने पर है ही नहीं. वे भी माओवादी नेताओं की हत्या करके शांति की कोशिशों को धक्का पहुंचा रहे हैं.”
इधर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से प्रकाशित एक दैनिक ने दावा किया है कि कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का पहले भी अपहरण हुआ था. उन्हें नक्सलियों ने आठ घंटे के लिये बंधक बनाया था. हालांकि पुरानी बातों को याद नहीं करने का अनुरोध करने वाले कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन ने कहा है कि उन्हें नक्सलियों ने रोका था, उनका अपहरण नहीं किया था.

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