मंगलवार, 26 जून 2012

समर्थन की कीमत वसूलेगी सपा !

अमेरिका से परमाणु समझौते से लेकर प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तक यूपीए सरकार के संकटमोचक मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी अब केंद्र सरकार से समर्थन की कीमत वसूलने के मूड में है।
उत्‍तर प्रदेश में सरकार चला रही समाजवादी पार्टी ने केंद्र से 90 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री से मुलाकात कर राज्य के विकास के लिए यह राशि मांगी थी।
इस बड़ी राशि के बारे में सफाई देते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमने केंद्र से किसी तरह की पैकेज की मांग नहीं की है। केंद्र के सहयोग से राज्य में कई कल्याणकारी योजनाएं चलती हैं, उनमें केंद्र का अंशदान बाकी है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य में चल रही योजनाएं जैसे मुस्लिम बच्चों को छात्रवृलि तथा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में खर्च की जाने वाली मनरेगा की राशि में केंद्र का अंशदान बाकी है।
समाजवादी पार्टी की सरकार को राज्य में स्पष्ट बहुमत है तथा पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने केंद्र सरकार को कई बार संकट से उबारा है। अभी हाल ही में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर पहले तो मुलायम यूपीए की महत्वपूर्ण सहयोगी ममता बनर्जी के साथ मिलकर प्रणब की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था। हालांकि बाद में कांग्रेस के बड़ नेताओं के मनाए जाने पर उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया था।
मुलायम का पहले ममता के साथ मिलकर प्रणब का विरोध करना और फिर अचानक पलट जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा में रहा था।
इससे पहले केंद्र सरकार से विशेष पैकेज को लेकर ही यूपीए की प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के केंद्र से संबंध खराब हो गए। केंद्र सरकार में शामिल ममता राज्य की खास्ताहाली हवाला देकर बार-बार विशेष अर्थिक पैकेज की मांग करती रहीं जिसे केंद्र ने विशेष तवज्जो नहीं दिया। आज स्थिति यह है कि कयास लगाया जा रहे हैं कि ममता कभी भी सरकार से हट सकती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को अपना कुनबा मजबूत करने के लिए एक सहयोगी चाहिए जिसकी संभावना सपा में दिख रही है।

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