शुक्रवार, 22 जून 2012

रात होते ही ऐसे होता है पानी का काला खेल!

देश की राजधानी दिल्ली पानी की भारी किल्लत से भले ही कराह रही हो, लेकिन यहां रात होते ही पानी का काला खेल शुरू हो जाता है। इस खेल में टैंकर माफिया का राज चलता है। इस गोरखधंधे में पुलिस और दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी भी शामिल हैं।

पानी के इस खेल में टैंकर माफिया और पुलिस की पूरी सांठगांठ होती है। टैंकर के आने जाने का रूट फिक्स होता है। रात होते ही टैंकर निकलते हैं और दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने लगते हैं और पुलिस वाले सबकुछ देखते जानते हुए भी आंखें मूंदे रहते हैं।

इस धंधे में लगे टैंकर ड्राइवरों का कहना है कि काले धंधे को चलाने के लिए पुलिस को बाकायदा पैसे दिए जाते हैं ताकि वो टैंकर रोके नहीं। टैंकर ट्रैफिक नियमों का भी खुलेआम उल्लंघन करते हैं। ये टैंकर तय सीमा से ज्यादा वजन लेकर चलते हैं, जिसकी इन्हें इजाजत नहीं है। टैंकर ड्राइवरों की मानें तो ओवरलोड का भी हिसाब होता है। जितने वजन का पास होता है, उससे ज्यादा वजन पानी भरा जाता है। ड्राइवर के मुताबिक इन सभी को मैनेज करते हैं। 100 नंबर से लेकर सभी को। कानूनन अगर कोई टैंकर ज्यादा वजन ढोता है तो उसे प्रति टन तीन हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। इस ट्रक में 17 टन वजन ज्यादा है ऐसे में उसे 51 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है।
ड्राइवर ने जो खुलासा किया उसके मुताबिक प्राइवेट वाले टैंकर लेकर जाते हैं तो उनको पानी नहीं दिया जाता है। किसानों ने ठेके पर अपने खेत दे दिए हैं। वो पैसे लेते हैं। हम आपको बता दें कि ये ड्राइवर जिस जमीन की बात कर रहा है वो किसी किसान की नहीं बल्कि दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन है। यमुना किनारे रहने वाले कुछ किसान वहां खेती करते हैं यही किसान पैसा लेकर टैंकर माफिया को सरकारी जमीन पर अवैध बोरिंग कराते हैं और वहां से पानी निकालकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं। कानून से बचने के लिए आमतौर पर ये काला धंधा रात के अंधेरे में कानून के कुछ पहरेदारों की मदद से किया जाता है।

मालूम हो कि पानी माफियाओं का ये खेल रात करीब 10 बजे से शुरू होकर सुबह करीब 7 बजे तक चलता है। इस बीच दिल्ली के अंदर लाखों का पानी बेच दिया जाता है। इन पानी माफियाओं के पास दिल्ली में पानी की इतनी डिमांड होती है कि ये रात भर भी पानी बेचने के बाद उस डिमांड को पूरा नहीं कर पाते।

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