शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

.... इस तरह अलग किये गये अन्‍ना और अरविंद

तो क्‍या दिग्‍विजय सिंह का अन्‍ना पर लगाये आरोप सही थे ? 
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे को अरविंद केजरीवाल के बीच फूट डलवाने में संघ का हाथ होने की बात सामने आ रही है। एक निजी चैनल के मुताबिक संघ प्रवक्ता राम माधव को यह काम सौंपा गया था कि वह अन्ना को उनकी टीम से अलग करवाएं। उद्योगपति सीताराम जिंदल को यह काम सौंपा गया था कि वह संघ के वरिष्ठ नेताओं और अन्ना के बीच बातचीत करवाएं।
जिंदल ने अन्ना को मनाया
सूत्रों के मुताबिक जिंदल पिछले पन्द्रह दिन में कई बार अन्ना के गांव रालेगण सिद्धी गए। जिंदल ने अन्ना को विश्वास में लिया कि अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक बनाने का फैसला गलत है। सूत्रों के मुताबिक बाबा रामदेव और ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने भी अन्ना और केजरीवाल को अलग करवाने में महत्वपूर्ण भूमिक निभाई। किरण बेदी और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह का भी उनको सहयोग मिला।
अन्ना देंगे बाबा का साथ
बुधवार रात जब अन्ना और केजरीवाल की राहें अलग हो गई तो अन्ना जिंदल के फॉर्म हाउस पर गए। इसके बाद वह गोल्फ लिंक पहुंचे। जहां बाबा रामदेव,पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह, किरण बेदी और जिंदल मौजूद थे। सभी के बीच करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक अन्ना ने बाबा से कहा कि वह उनके गैर राजनीतिक आंदोलन का साथ देंगे। हालांकि अन्ना और बाबा ने मुलाकात को लेकर चुप्पी साध रखी है।
सूत्रों के मुताबिक किरण बेदी को आश्वासन दिया गया है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा जबकि वीके सिंह को हरियाण की भिवानी सीट से भाजपा लोकसभा का टिकट देगी।

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