कोयले की कालिख से छुटकारा पाने के लिए बेचैन यूपीए सरकार अपना चेहरा
चमकाने पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही
सरकार अपनी साफ-सुथरी छवि जनता के बीच लाने की योजना बना रही है।
टेलीविजन, रेडियो और प्रिंट मीडिया के जरिए ऐसा करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि का इस्तेमाल विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) सरकार के लिए एक मजबूत प्रचार अभियान चलाने के लिए करेगा। खबरों के मुताबिक, भारत निर्माण एडवर्टाइजर्स जो यूपीए सरकार की छवि निखारो अभियान का हिस्सा है, विज्ञापन में स्थानीय कलाकारों को उतारेगा। अन्य कॉरपोरेट की तरह सरकार भी नकारात्मक छवि से मुक्त होने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्क साइटों का इस्तेमाल करेगी।
वहीं, अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार के लिए केंद्र सरकार अब सोशल मीडिया यू-ट्यूब का सहारा ले रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सरकार के कुछ महत्वपूर्ण सम्मेलनों, भाषणों और इससे संबंधित वीडियो को चार दिन पहले यू-ट्यूब पर डाला है। कैसे इस माध्यम से लोगों तक पहुंचा जाए इस पर विचार के लिए करीब तीन महीने पर शीर्ष अधिकारियों की बैठक होगी।
टेलीविजन, रेडियो और प्रिंट मीडिया के जरिए ऐसा करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि का इस्तेमाल विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) सरकार के लिए एक मजबूत प्रचार अभियान चलाने के लिए करेगा। खबरों के मुताबिक, भारत निर्माण एडवर्टाइजर्स जो यूपीए सरकार की छवि निखारो अभियान का हिस्सा है, विज्ञापन में स्थानीय कलाकारों को उतारेगा। अन्य कॉरपोरेट की तरह सरकार भी नकारात्मक छवि से मुक्त होने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्क साइटों का इस्तेमाल करेगी।
वहीं, अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार के लिए केंद्र सरकार अब सोशल मीडिया यू-ट्यूब का सहारा ले रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सरकार के कुछ महत्वपूर्ण सम्मेलनों, भाषणों और इससे संबंधित वीडियो को चार दिन पहले यू-ट्यूब पर डाला है। कैसे इस माध्यम से लोगों तक पहुंचा जाए इस पर विचार के लिए करीब तीन महीने पर शीर्ष अधिकारियों की बैठक होगी।
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