रविवार, 2 दिसंबर 2012

यूपी: सरकार को लगा 30 हजार करोड़ का चूना

इलाहाबाद। बारा और करछना स्थित पॉवर प्रोजेक्ट प्लांट को मंजूरी देने में करीब 30 हजार करोड़ रुपए के घपले का आरोप लगा है। इसे लेकर बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। याचिका में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।
बारा के अनवारुल हक की याचिका पर सुनवाई कर रही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति संजय मिश्र की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के पूर्व चेयरमैन राजेश अवस्थी ने नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाने के बावजूद जेपी ग्रुप के प्रस्ताव को मंजूरी दी। जबकि अन्य कंपनियों के टैरिफ प्लान जेपी से काफी कम रद पर थे।
आरोप है कि राजेश अवस्थी ने जेपी को मंजूरी देने के लिए नियमों में भी फेर बदल किए। इस कदम से प्रदेश सरकार को करीब 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि पॉवर प्रोजेक्ट की नीलामी प्रक्रिया के दौरान राजेश अवस्थी चेयरमैन नहीं थे। न्यायालय ने सरकार को 17 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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