राजस्थान के एक और मंत्री पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। आरोप लगाने
वाली महिला जयपुर की रहने वाली है। जयपुर की एक अदालत ने उसकी ओर से दायर
परिवाद पर पुलिस को सोढ़ाला थाने में मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा
है। पीड़िता ने 13 सितंबर को कोर्ट में परिवाद दायर किया था।
पीड़िता ने बताया कि राजस्थान के सरकार के इस मंत्री ने 11 सितम्बर को उसे दोपहर ढाई बजे फोन कर अपने घर बुलाया। उसी दिन शाम करीब पांच बजे वहां पहुंची तो मंत्री ने उसे अच्छी नौकरी लगवाने का लालच दिया। साथ ही उसके रिश्तेदार को भी अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया।
कुछ देर बाद मंत्री कमरे में चला गया और पीड़िता को कमरे में बुलाया। मंत्री ने पीड़िता के जबरन कपड़े उतारे और दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता के विरोध करने पर मंत्री ने धमकी दी कि तुम्हारा हाल भी भंवरी देवी जैसा कर दिया जाएगा। मंत्री ने पीड़िता के बेटे की हत्या करने की भी धमकी दी।
इस पर पीड़िता कोर्ट पहुंची और मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करवाने का आदेश देने की गुहार लगाई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 9 की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156/3 के तहत मुकद्दमा दर्ज करने के लिए मामला सोढ़ाला थाने भिजवाया है।
इधर, मामले पर बाबूलाल नागर की खुली प्रतिक्रया अब तक नहीं आई लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यह मंत्री पहले भी काफी विवादों में घिरे रहे हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनका विभाग बदल दिया था।
पीड़िता ने बताया कि राजस्थान के सरकार के इस मंत्री ने 11 सितम्बर को उसे दोपहर ढाई बजे फोन कर अपने घर बुलाया। उसी दिन शाम करीब पांच बजे वहां पहुंची तो मंत्री ने उसे अच्छी नौकरी लगवाने का लालच दिया। साथ ही उसके रिश्तेदार को भी अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया।
कुछ देर बाद मंत्री कमरे में चला गया और पीड़िता को कमरे में बुलाया। मंत्री ने पीड़िता के जबरन कपड़े उतारे और दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता के विरोध करने पर मंत्री ने धमकी दी कि तुम्हारा हाल भी भंवरी देवी जैसा कर दिया जाएगा। मंत्री ने पीड़िता के बेटे की हत्या करने की भी धमकी दी।
इस पर पीड़िता कोर्ट पहुंची और मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करवाने का आदेश देने की गुहार लगाई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 9 की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156/3 के तहत मुकद्दमा दर्ज करने के लिए मामला सोढ़ाला थाने भिजवाया है।
इधर, मामले पर बाबूलाल नागर की खुली प्रतिक्रया अब तक नहीं आई लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यह मंत्री पहले भी काफी विवादों में घिरे रहे हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनका विभाग बदल दिया था।
kuch jada he kha diya....
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