शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

बड़ा खुलासा: यादव सिंह की कंपनी का शेयर होल्‍डर है मुलायम का सांसद भतीजा

लखनऊ। नोएडा अथॉरिटी के चीफ रहे अरबपति इंजीनियर यादव सिंह की कंपनी का शेयर होल्‍डर है मुलायम सिंह का सांसद भतीजा अक्षय यादव। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की फैमिली के इस बिजनेस कनेक्शन का खुलासा आज ही हुआ है।
जानकारी के मुताबिक मुलायम के भाई और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव, अरबपति इंजीनियर यादव सिंह की कंपनी के शेयर होल्डर हैं। अक्षय के अलावा उनकी पत्नी रिचा यादव के शेयर भी इस कंपनी में हैं। सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक मुलायम के भतीजे और फिरोजाबाद के मौजूदा सांसद अक्षय यादव ने यादव सिंह की फर्म से प्रॉफिट गेन किया है। अक्षय यादव को शेयर बेचने के बाद कंपनी की ओर से ये दिखाया गया कि इसने 16 लाख 45 हजार शेयरों को 990 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेचा है।
यादव सिंह के असिस्टेंट के जरिए हुई थी डील
अक्षय यादव ने यादव सिंह के असिस्टेंट राजेश मनोचा के जरिए कंपनी के साथ डील की थी। इसके तहत मई 2014 में दिल्ली की कंपनी एनएम बिल्डवेल के 9 हजार 995 शेयर खरीदे थे। अक्षय यादव की पत्नी रिचा यादव के पास भी इस कंपनी के शेयर हैं। अक्षय यादव ने जिस कंपनी के शेयर खरीदे थे, उसकी जमीन की कीमत 1.58 करोड़ रुपए थी जबकि कंपनी बिल्डिंग की कीमत 1.57 करोड़ रुपए बताई गई है। वहीं, जब डील के समय कंपनी ने अक्षय यादव को एक शेयर की कीमत 10 रुपए दिखाई, जिससे मुलायम के भतीजे अक्षय ने महज एक लाख रुपए में कंपनी के 10 हजार शेयर खरीद लिए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट खंगाल चुका है कंपनी के डिटेल
फाइनेंस मिनिस्ट्री के सोर्स बताते हैं कि यादव सिंह की इस एनएम बिल्डवेल कंपनी के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच कर चुका है। यह भी बताया जा रहा है कि जब पिछले साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यादव सिंह के नोएडा स्थित घर पर रेड डाली थी, तब उनकी लक्जरी कार से जो 10 करोड़ रुपए मिले थे, वो रुपए यादव सिंह के असिस्टेंट राजेश मनोचा के ही थे। राजेश मनोचा इंफ्रा लिमिटेड कंपनी का भी डायरेक्टर रह चुका है। यादव सिंह के केस में सीबीआई इस कंपनी पर भी नजर रखे हुए है।
क्या कहती है सपा?
इस मामले में अक्षय यादव के चाचा और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि “यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश हो चुका है और यूपी सरकार भी अपनी तरफ से जांच करा रही है इसलिए इस पर कोई कमेंट करना ठीक नहीं होगा।”
क्या कहती है बीजेपी?
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, “यह तो साफ जाहिर था कि सपा नेताओं के शह की वजह से यादव सिंह का भ्रष्टाचार फलफूल रहा था। इसी कारण यादव सिंह के भ्रष्टाचार की जांच से यूपी सरकार कतरा रही थी। उनके मुताबिक, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी कई सपा नेताओं के नाम सामने आयेंगे।”
जिसके हाथ सीबीआई, उसके हाथ सपाई
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने इस मामले पर केंद्र की एनडीए सरकार और प्रदेश की सपा सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा,“जिसके हाथ सीबीआई, उसके हाथ सपाई।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कैसे शासन-प्रशासन का गलत फायदा उठाती है, ये इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यादव सिंह के जरिए हुए इस भ्रष्टाचार में गलत तरीके से खरीदी गई सभी संपत्तियां सरकार को जब्त करनी चाहिए और इस मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछली बसपा सरकार भी इसी तरह के भ्रष्टाचार की वजह से अपने अंजाम तक पहुंची थी, ये सरकार भी उसी नक़्शे-कदम पर चलती नजर आ रही है।
नोएडा अथॉरिटी के अरबपति चीफ इंजीनियर यादव सिंह मामले की जांच सीबीआई कर रही है। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसएन शुक्ला इस बारे में आदेश दे चुके हैं। इस मामले में सीबीआई जांच को लेकर आईजी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने पीआईएल दायर की थी। नूतन ठाकुर ने बताया था कि यादव सिंह मामले की जांच एसआईटी, ईडी और इनकम टैक्स कर रही थी, जो अपने अपने क्षेत्र की स्पेशलिस्ट है और ऐसे में यादव सिंह पर सिर्फ जुर्माना लगा कर छोड़ दिया जाता। यादव सिंह के साम्राज्य का पता सिर्फ सीबीआई ही लगा सकती है। यही वजह रही कि मैंने सीबीआई जांच की मांग की, जिसे हाई कोर्ट ने मान लिया।
सरकार ने सीबीआई जांच का किया विरोध
राज्य सरकार ने यादव सिंह की सीबीआई जांच का विरोध किया था। सरकार कह रही थी कि इस मामले में ज्युडिशियल कमेटी जांच कर रही है, उसकी रिपोर्ट आने तक इंतजार कर लिया जाए। हाई कोर्ट ने कहा ज्युडिशियल कमेटी की अपनी सीमाएं हैं। यही वजह है कि कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।

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