नई दिल्ली। यूपीए सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे और कांग्रेस के
प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि 2009 के Lok Sabha चुनाव में कांग्रेस
पार्टी ने सभी अखबारों के पहले पन्ने को खरीदा था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले पन्ने को खरीदकर उसका प्रारूप बदलवाने के लिए ज्यादा रकम दी थी।
उन्होंने कहा कि मीडिया हाउस अपना पहला पन्ना बेचता है। पेड न्यूज़ पर अहम खुलासा कर पार्टी को ही मुश्किल में डाल दिया है। दिल्ली में न्यूजरूम पोस्ट के एक कार्यक्रम के दौरान मनीष ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां मीडिया का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करती हैं।
कार्यक्रम में चर्चा के दौरान मनीष ने
कांग्रेस के इतने बड़े दिग्गज का यह बयान सोशल मीडिया में जमकर छाया हुआ है। लोग मनीष के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं भी सामने रख रहे हैं।
लोग तो यह सवाल भी उठा रहे हैं यह सच्चाई तब सामने क्यों नहीं लाई गई जब वह खुद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभाल रहे थे।
वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है जब कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता ने अपने बयानों से पार्टी को शर्मसार किया हो। समय-समय पर कांग्रेस के कई नेता अपनी बदजुबानी से पार्टी को मुश्किल में डालने का काम करते रहे हैं।
पूर्व में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह कह कर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया था कि बटला हाउस मुठभेड़ फर्जी थी।
हाल ही में कांग्रेस के एक अन्य दिग्गज नेता और यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अफजल गुरू की फांसी पर टिप्पणी करके पार्टी की किरकिरी कराई। हालांकि पार्टी ने उनके बयान से पल्ला झाड़कर उसे उनकी निजी राय बता दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले पन्ने को खरीदकर उसका प्रारूप बदलवाने के लिए ज्यादा रकम दी थी।
उन्होंने कहा कि मीडिया हाउस अपना पहला पन्ना बेचता है। पेड न्यूज़ पर अहम खुलासा कर पार्टी को ही मुश्किल में डाल दिया है। दिल्ली में न्यूजरूम पोस्ट के एक कार्यक्रम के दौरान मनीष ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां मीडिया का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करती हैं।
कार्यक्रम में चर्चा के दौरान मनीष ने
कांग्रेस के इतने बड़े दिग्गज का यह बयान सोशल मीडिया में जमकर छाया हुआ है। लोग मनीष के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं भी सामने रख रहे हैं।
लोग तो यह सवाल भी उठा रहे हैं यह सच्चाई तब सामने क्यों नहीं लाई गई जब वह खुद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभाल रहे थे।
वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है जब कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता ने अपने बयानों से पार्टी को शर्मसार किया हो। समय-समय पर कांग्रेस के कई नेता अपनी बदजुबानी से पार्टी को मुश्किल में डालने का काम करते रहे हैं।
पूर्व में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह कह कर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया था कि बटला हाउस मुठभेड़ फर्जी थी।
हाल ही में कांग्रेस के एक अन्य दिग्गज नेता और यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अफजल गुरू की फांसी पर टिप्पणी करके पार्टी की किरकिरी कराई। हालांकि पार्टी ने उनके बयान से पल्ला झाड़कर उसे उनकी निजी राय बता दिया।
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