शुक्रवार, 3 मई 2013

सभ्यजनों के असभ्य देश की असलियत

लंदन। ब्रिटेन को सभ्यजनों का देश माना जाता है लेकिन वहां भी महिलाओं के साथ असभ्य व्यवहार किया जाता है। इससे इस देश का पाखंडीपन उजागर होता है। ऐसे कई उदाहण पेश किए जा सकते हैं जिससे यह पता चले की यह देश भी उतना ही असभ्य है जितना की पाकिस्तान।
प्रतिवर्ष 16 हजार से ज्यादा बलात्कार
6 करोड़ 23 लाख जनसंख्या वाले ब्रिटेन में 2010 में बलात्कार के कुल 16432 मामले दर्ज किए गए। दर्ज किए जाने के मतलब कि कई मामले तो दर्ज ही नहीं होते। दर्ज किए जाने के आधार पर ही कहा जा सकता है कि प्रति एक लाख जनसंख्या पर इसका अनुपात 28.8 रहा।
यह है सच्चाई
वहां मार्च 2012 में प्रकाशित एक सर्वे के परिणाम इससे भी भयावह थे। 1600 महिलाओं के उत्तरों पर आधारित इस सर्वे के अनुसार, हर 10 में से एक महिला बलात्कार भोग चुकी है। कम से कम एक तिहाई को छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा है।
80 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पुलिस के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, जबकि 29 प्रतिशत ने बदनामी के डर से घर-परिवार या मित्रों से भी अपनी आपबीती का कभी जिक्र नहीं किया।
महिलाओं को मीडिया का साथ नहीं
इस सर्वे के अनुसार 70 प्रतिशत ब्रिटिश महिलाओं का मानना था कि मीडिया भी बलात्कार की शिकायत करने वाली महिलाओं के प्रति सहानुभूति नहीं रखती है। 50 प्रतिशत महिलाओं को यही शिकायत पुलिस, आदालतों और अपने समाज से भी थी।
ब्रिटेन में सजा
ब्रिटेन में रेप, लैंगिक उत्पीड़न के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा है जिसकी अवधि 15 से 40 साल तक की है। लैंगिक रूप से किसी से संपर्क भी लैंगिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। इस वजह से छह महीने से 10 साल तक की सजा हो सकती है। किसी के साथ लैंगिक गतिविधियों के लिए जबरदस्ती करने से छह माह से लेकर आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है। (एजेंसी)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया बताते चलें कि ये पोस्‍ट कैसी लगी ?

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...