कर्नाटक के भाजपा नेता लहर सिंह सिरोय ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण
आडवाणी को परेशानी में डालने वाला एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब आडवाणी का हित सध रहा था तो उन्होंने
भ्रष्टाचार से समझौता किया। लहर, कर्नाटक जनता पक्ष के प्रमुख बीएस
येदि्दयुरप्पा के करीबी हैं।
यह पत्र भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह व आडवाणी को भेजा गया है।
लहर ने लिखा है कि आडवाणी ने उच्च नैतिक आदर्श के कारण येदि्दयुरप्पा को पार्टी से बाहर कर दिया जिससे पार्टी कर्नाटक में सत्ता से ही बाहर हो गई।
उन्होंने कहा है कि आडवाणी को जब उचित लगा उन्होंने भ्रष्टाचार से आंखें मूंद लीं। आडवाणी ने कभी इस बारे में तहकीकात नहीं करवाई कि उनकी रैलियों व यात्राओं के लिए पैसा कहां से आता है। उन्होंने यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि कर्नाटक में 2008 में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए पैसा लगा वह कहां से आया।
उनके पत्र से पता चलता है कि येदि्दयुरप्पा को पार्टी में वापिस लाने के लिए आवाज उठने लगी है।
यह पत्र भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह व आडवाणी को भेजा गया है।
लहर ने लिखा है कि आडवाणी ने उच्च नैतिक आदर्श के कारण येदि्दयुरप्पा को पार्टी से बाहर कर दिया जिससे पार्टी कर्नाटक में सत्ता से ही बाहर हो गई।
उन्होंने कहा है कि आडवाणी को जब उचित लगा उन्होंने भ्रष्टाचार से आंखें मूंद लीं। आडवाणी ने कभी इस बारे में तहकीकात नहीं करवाई कि उनकी रैलियों व यात्राओं के लिए पैसा कहां से आता है। उन्होंने यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि कर्नाटक में 2008 में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए पैसा लगा वह कहां से आया।
उनके पत्र से पता चलता है कि येदि्दयुरप्पा को पार्टी में वापिस लाने के लिए आवाज उठने लगी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया बताते चलें कि ये पोस्ट कैसी लगी ?