शनिवार, 1 जून 2013

सण्‍डे: ''जजमेंट डे''

नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की कोशिशें तेज हो गई हैं तथा कथित तौर पर बोर्ड के पांच उपाध्यक्षों ने श्रीनिवासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वह इस पद से इस्तीफा दें नहीं तो अन्य शीर्ष अधिकारी बोर्ड से इस्तीफा दे देंगे।
श्रीनिवासन पर इस्तीफे के चौतरफा दबाव के बीच बोर्ड की आपात बैठक आठ जून के बजाय अब रविवार को चेन्नई में आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में बीसीसीआई के सभी पांच उपाध्यक्ष तथा बोर्ड की समिति के सभी 16 सदस्यों के उपस्थित रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
बोर्ड की आठ जून को होने वाली बैठक को रविवार को आयोजित करने का फैसला उस बयान के कुछ घंटे बाद सामने आया है जिसमें कथित तौर बोर्ड के पांचों उपाध्यक्षों ने श्रीनिवासन को अल्टीमेटम भेज कर कहा था कि यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो सभी बोर्ड उपाध्यक्ष पद छोड़ देंगे।
दुनिया के सबसे अमीर और पावरफुल क्रिकेट बोर्ड के विवादों में इस तरह घिरने से इसकी छवि को भारी नुकसान हुआ है।
इस बीच बीसीसीआई उपाध्यक्ष तथा दिल्ली और क्रिकेट संघों के प्रमुख अरुण जेटली ने मीडिया को भरोसा दिलाया है कि इस पूरे मामले का हल अगले 24 घंटों में निकल आएगा। सूत्र बताते हैं कि सुबह अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन से मुलाकात की थी। ऎसा माना जा रहा है कि श्रीनिवासन फिक्सिंग मामले की जांच होने तक पद से हट सकते हैं तथा उनकी जगह शशांक मनोहर को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। ज्ञातव्य है कि हाल ही में जेटली के घर पर इस पूरे मामले को लेकर हुई बैठक के बाद आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने भी श्रीनिवासन को बोर्ड से दूर रहने की अपील की थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट बोर्ड के कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले के इस्तीफे के बाद श्रीनिवासन पर इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ाए जाने के बाबत कई और अधिकारियों के इस्तीफे की संभावना जताई जा रही है। संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह नंबर गेम का मामला नहीं है। हर कोई चाहता है कि गंदगी दूर हो। जेटली, निरंजन शाह, सुधीर दबीर, चितरक मित्रा, शिवलाल यादव भी श्रीनिवासन का इस्तीफा चाहते हैं और उन पर दबाव बनाने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि अधिकारिक रूप से इनमें से किसी ने भी अभी इस्तीफा देने की बात नहीं की है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि श्रीनिवासन चौतरफा दबाव के बावजूद भी अपने पद पर बने रह सकते हैं। बोर्ड अध्यक्ष आईपीएल छह में स्पाट फिक्सिंग कांड के बाद से ही इस्तीफे की मांग को नकारते रहे हैं। उन्होंने बकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस कर साफ किया था कि उनका फिक्सिंग मामले से लेना देना नहीं है और वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन के सट्टेबाजी में लिप्त होने के खुलासे और फिर उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही बोर्ड अध्यक्ष सवालों के घेरे में हैं।
बीसीसीआई में इस समय श्रीनिवासन पर दबाव की राजनीति अपने चरम पर है और बोर्ड के दो शीर्ष सदस्यों सचिव जगदाले और कोषाध्यक्ष शिर्के ने अपना बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ अपना इस्तीफा सौंप दिया है। बीसीसीआई में 30 सदस्य हैं जिसमें विभिन्न राज्यों के क्रिकेट बोर्डो के प्रमुख भी शामिल हैं। बोर्ड के कई सदस्य इस समय श्रीनिवासन के खिलाफ हैं लेकिन करीब 10 सदस्य उनके समर्थन में भी हैं। ऎसे में यदि उनके खिलाफ वोटिंग होती है तो संभवत श्रीनिवासन को मजबूरन अपने पद से इस्तीफा देना पड़े।(एजेंसी)

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