रविवार, 6 अक्तूबर 2013

टेरर फाइनेंस: वशिष्‍ठा कंस्‍ट्रक्‍शंस के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी

पटना। बिहार में सड़क निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत एक कंपनी द्वारा नक्सलियों को फाइनेंस करने का मामला उजागर हुआ है. उत्तर बिहार का आतंक माने जानेवाले नक्सली संतोष झा गिरोह को वशिष्टा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, गुंटूर, आंध्रप्रदेश द्वारा 3.50 करोड़ रुपये फाइनेंस किया गया है. संतोष झा गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई में जुटे स्पेशल टास्क फोर्स को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे है.
पुलिस मुख्यालय इन साक्ष्यों के आधार पर ‘टेरर फाइनेंस’ में संलिप्त होने के आरोप में वशिष्टा कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारी की मानें, तो बिहार में विभिन्न इलाकों में कार्यरत सड़क निर्माण कंपनियों द्वारा रंगदारी मांगे जाने की शिकायत पुलिस प्रशासन को की जाती थी, साथ ही इन कंपनियों द्वारा नक्सलियों को फाइनेंस करने की सूचनाएं भी मिलती रहती थीं, लेकिन
यह पहला मौका है, जब किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा नक्सलियों को भारी रकम की अदायगी करने के प्रमाण मिले है. इस संबंध में वशिष्टा कंस्ट्रक्शन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कंपनी से इस संबंध में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.
पुलिस मुख्यालय सूत्रों की मानें तो सड़क निर्माण में जुटी कंपनियों के द्वारा नक्सलियों व आपराधिक गिरोहों को बतौर रंगदारी 20 से 30 लाख रुपये तो कैश ही उपलब्ध करा दिये जाते है, लेकिन करोड़ों रुपये देने में कानूनी प्रक्रियाएं आड़े आ जा रही हैं. यही कारण है कि फर्जी तरीके से ‘टेरर फाइनेंस’ के नये तरीके ढ़ूंढ़ लिये गये है. पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि वशिष्टा कंस्ट्रक्शन से आर्या कंपनी को किस सामान की आपूर्ति के नाम पर यह राशि भुगतान की गयी है, इसकी जानकारी मांगी गयी है. साथ ही, आपूर्ति से संबंधित कागजात भी पेश करने को कहा गया है. कितना स्टोन चिप्स या दूसरे सामान आर्या कंपनी ने किस- किस तिथि को उपलब्ध करायी, उनके द्वारा आपूर्ति किये जाने पर सरकारी राजस्व की अदायगी की गयी हो, तो इसकी भी जानकारी मांगी गयी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार कंपनी द्वारा अब तक इस संबंध में कोई साक्ष्य इस राशि की अदायगी को लेकर नहीं पेश किये गये हैं. कंपनी द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर पुलिस ‘टेरर फाइनेंस’ को लेकर आगे की कार्यवाही करेगी.
पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रूट में 22 लाख रुपये का पेमेंट नक्सलियों को करने का मामला सामने आया था. जब एसटीएफ ने पीछा किया, तो कंपनी के अधिकारी फरार हो गये, लेकिन आपराधिक गिरोह के सदस्य 22 लाख रुपये लेकर मुजफ्फरपुर आ गये थे. वहां एक स्थान पर अपराधियों द्वारा पैसे ठिकाने लगाने की तैयारी की जा रही थी, तभी बैग समेत पूरे पैसे पुलिस ने जब्त कर लिये. आज तक वह 22 लाख रुपये मुजफ्फरपुर के थाने में पड़ा है. उस राशि का कोई क्लेम करने वाला आज तक सामने नहीं आया. पुलिस सूत्रों के अनुसार मुजफ्फ रपुर जिला पुलिस ने 22 लाख रुपये को अनलॉफुल एक्टीविटी प्रीवेंशन एक्ट के तहत अटैच करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेज दिया है.
सीतामढ़ी के एकाउंट में नक्सलियों को दिये पैसे
वशिष्टा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के गुंटूर, आंधप्रदेश स्थित कार्यालय से सीतामढ़ी के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित बैंक में 3.50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया है. पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारियों की मानें, तो यह फाइनेंस आर्या कंपनी के नाम पर किया गया है. नक्सलियों से संबंद्ध रहे कुख्यात संतोष गिरोह के विरुद्ध चलाये जा रहे ऑपरेशन के दौरान मिले साक्ष्यों के अनुसार आर्या कंपनी उसके सहयोगियों के द्वारा ही बनायी गयी कंपनी है.
वशिष्टा कंस्ट्रक्शन द्वारा संतोष झा गिरोह को पैसे ट्रांजेक्शन करने के साक्ष्य मिले हैं. विकास कार्यो में जुटी एजेंसियां अगर अपराधियों व नक्सलियों को रुपये देती हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी. टेरर फाइनेंस को लेकर सभी जिला पुलिस प्रशासन को अलर्ट किया गया है.       
-अभयानंद, पुलिस महानिदेशक, बिहार
फिलहाल इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है. अधिकारिक रूप से बोलने में मैं असमर्थ हूं.
-केवी राव, प्रोजेक्ट मैनेजर, वशिष्टा कंस्ट्रक्शन
-एजेंसी

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