मंगलवार, 14 जनवरी 2014

ऑपरेशन ब्लूस्टार में थैचर की भूमिका पर जांच के आदेश

लंदन। 
1984 में इंदिरा गांधी की ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना में माग्रेट थैचर सरकार की भूमिका पर ब्रिटिश पीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने कैबिनेट सचिव को इस दावे से जुड़े तथ्य पेश करने को कहा है, जिसमें वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना में माग्रेट थैचर की सरकार द्वारा मदद करने की बात कही गई है.
लेबर सांसद टॉम वाटसन और लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में गोपनीयता की सूची से हटाए गए दस्तावेजों के आधार पर इस स्पष्टीकरण की मांग की है. इन दस्तावेजों में ऐसे संकेत मिले हैं कि ब्रिटेन की विशेष वायु सेवा (एसएएस) के अधिकारियों को स्वर्ण मंदिर पर धावा बोलकर अंदर छिपे आतंकियों को निकालने की योजना में भारत की मदद करने के लिए भेजा गया था. इस अभियान में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.
ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार रात जारी बयान में कहा, ‘‘इन घटनाओं से बड़ी संख्या में जानें गईं और इन दस्तावेजों के कारण पैदा होने वाली वाजिब चिंताओं को हम समझते हैं. प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव से कहा है कि वह इस मामले को तत्काल देखें और तथ्य पेश करें.’’
प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को प्रकाशन से पहले इन दस्तावेजों के बारे में पता नहीं था. विदेशी सरकारों की ओर से सलाह के किसी भी अनुरोध का आंकलन सावधानीपूर्वक मंत्रियों की निगरानी और उचित कानूनी सलाह से किया जाता है.’’
जिन दस्तावेजों की यहां बात की जा रही है, उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार ने 30 साल के गैर-गोपनीयता नियम के तहत नए साल पर एक श्रृंखला के रूप में जारी किया था.
अमृतसर में हुई इस घटना से करीब चार माह पहले यानी 23 फरवरी 1984 की तारीख वाले एक पत्र पर लिखा था, ‘अति गोपनीय और निजी’. इस दस्तावेज के अंदर लिखा था, ‘‘भारतीय प्रशासन ने हाल ही में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से सिख चरमपंथियों को निकालने की योजना पर ब्रिटेन से सलाह मांगी है.’’
‘‘विदेश मंत्री ने भारत के इस अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया करने का फैसला किया. प्रधानमंत्री के समझौते के अनुसार एसएएस के एक अधिकारी ने भारत की यात्रा की और एक योजना का खाका तैयार किया जिसे श्रीमती गांधी ने अपनी सहमति दे दी. विदेश मंत्री का मानना है कि भारत सरकार इस योजना को जल्द ही अंजाम दे सकती है.’’
ब्रिटेन में नेटवर्क ऑफ सिख आग्रेनाइजेशंस के निदेशक लार्ड सिंह ने कहा, ‘‘ये दस्तावेज सबित करते हैं कि सिखों पर हमेशा संदेह किया गया. स्वर्ण मंदिर में धावे की योजना महीनेभर पहले बनायी गयी थी, यहां तक कि भारत सरकार सप्ताहभर पहले तक दावा करती रही कि ऐसी कोई योजना नहीं थी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक तथ्यों की पुष्टि के लिए एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच की जरूरत को लेकर मैं पहले ही भारतीय उच्चायोग के जरिए भारत सरकार से संपर्क कर चुका हूं. अब मैं हाउस ऑफ लार्डस में इस मुद्दे को उठाऊंगा.’’
कुछ दस्तावेजों को ‘स्टॉप डीपोर्टेशंस’ ब्लॉग पर फिर से पेश किया गया है जो ब्रिटेन की आवजन नीति पर केंद्रित हैं और अभियान पर श्रीमती गांधी को सलाह देने के लिए थैचर द्वारा एसएएस अधिकारी भेजे जाने का दावा करते हैं.
वेस्ट ब्रोमविच ईस्ट के सांसद वाटसन ने कहा, ‘‘मैंने आज (सोमवार) सुबह ही दस्तावेज देखे तथा मुझे बताया गया है कि कुछ और को दबा कर रखा गया है. यह ठीक नहीं है. इंदिरा गांधी सरकार के साथ ब्रिटिश सैन्य मिलीभगत के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाना अनुचित नहीं होगा.’’
उन्होंने ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग को पत्र लिखा है और मुद्दे को हाउस ऑफ कामंस में उठाने की उनकी योजना है.
ऑपरेशन ब्लूस्टार के पांच महीने के बाद इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी.
-एजेंसी

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