शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

उत्तर प्रदेश की इन 15 सीटों पर दिखाई देगा दिलचस्‍प सियासी संग्राम…

बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही उत्तर प्रदेश में कई हाई प्रोफाइल सीटों पर चुनावी घमासान का मंच सज चुका है।
यहां 15 सीटों पर बीजेपी और एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन तथा कांग्रेस के बीच दिलचस्प सियासी संग्राम देखने को मिल सकता है।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश से 35 नाम हैं। इस लिस्ट में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बागपत से सत्यपाल सिंह व मथुरा से हेमा मालिनी सहित कई दिग्‍गजों के नाम शामिल हैं। 8 सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है।
उत्तर प्रदेश की जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला होने की संभावना नजर आ रही है उनमें ये सीटें प्रमुख हैं-
1- सहारनपुर 
राघव लखनपाल (बीजेपी)
इमरान मसूद (कांग्रेस)
मतदान- 11 अप्रैल
वेस्ट यूपी की इस सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर राघव लखनपाल पर भरोसा जताया है। वहीं, कांग्रेस ने भी पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे इमरान मसूद को टिकट दिया है। इमरान मसूद पिछले चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहे थे। यहां एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन ने अभी अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। 2017 में सहारनपुर जातीय संघर्ष को लेकर चर्चा में रहा। इसके साथ ही यहां भीम आर्मी और उसके नेता चंद्रशेखर का उभार भी चुनाव में असर डाल सकता है।
2- मुजफ्फरनगर 
संजीव बालियान (बीजेपी)
चौधरी अजित सिंह (आरएलडी)
मतदान- 11 अप्रैल
सांप्रदायिक हिंसा की पृष्ठभूमि में हुए 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान मुजफ्फरनगर में ध्रुवीकरण के हालात देखने को मिले थे। बीजेपी ने जहां एक बार फिर सिटिंग एमपी और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को उम्मीदवार बनाया है, वहीं एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के तहत इस सीट से चौधरी अजित सिंह लड़ रहे हैं। आरएलडी सुप्रीमो को पिछले चुनाव में बागपत सीट पर शिकस्त झेलनी पड़ी थी। यहां तक कि वह तीसरे नंबर पर जा पहुंचे थे लेकिन इस बार गठबंधन की वजह से मुजफ्फरनगर में दिलचस्प जंग देखने को मिलेगी।
3- बागपत 
सत्यपाल सिंह (बीजेपी)
जयंत चौधरी (आरएलडी)
मतदान- 11 अप्रैल
पहले चौधरी चरण सिंह और फिर उनके बेटे अजित सिंह की वजह से चर्चित सीट पर इस बार परिवार की राजनीतिक विरासत को जयंत चौधरी आगे बढ़ा रहे हैं। गठबंधन के तहत यह सीट आरएलडी के हिस्से में आई है।
बीजेपी ने पिछली बार जयंत के पिता को मात देने वाले सत्यपाल सिंह पर दोबारा दांव खेला है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह पिछले चुनाव के दौरान काफी चर्चित रहे थे। अब देखना दिलचस्प होगा कि जयंत पिता की हार का बदला ले पाते हैं या जाट लैंड में सत्यपाल फिर विजयी होते हैं।
4- गाजियाबाद 
वी के सिंह (बीजेपी)
सुरेंद्र कुमार उर्फ मुन्नी शर्मा (एसपी)
डॉली शर्मा (कांग्रेस)
मतदान- 11 अप्रैल
गाजियाबाद यूपी की वह सीट है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने राज्य में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह को बीजेपी ने यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। गाजियाबाद सीट राजपूत बहुल है और साठा-चौरासी इलाके के तहत आने वाले 144 गांवों में इस समुदाय का बड़ा वोट बैंक है। बीजेपी ने राजपूत समुदाय से ही आने वाले रिटायर्ड जनरल वी के सिंह को मैदान में उतारा है। गठबंधन की तरफ से सुरेंद्र कुमार उर्फ मुन्नी शर्मा और कांग्रेस की ओर से डॉली शर्मा कैंडिडेट हैं।
5- गौतमबुद्धनगर 
महेश शर्मा (बीजेपी)
अरविंद सिंह चौहान (कांग्रेस)
मतदान- 11 अप्रैल
गौतमबुद्धनगर यानि नोएडा सीट पर अब तक बीजेपी का वर्चस्व रहा है। पार्टी ने यहां से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को फिर से टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अरविंद सिंह चौहान को उतारा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब मतदान से एक हफ्ते पहले पार्टी कैंडिडेट रमेश चंद्र तोमर बीजेपी में शामिल हो गए थे। दूसरी ओर अलवर (राजस्थान) के मूल निवासी डॉ. महेश शर्मा लंबे समय से एनसीआर में सक्रिय हैं।
6- मुरादाबाद 
कुंवर सर्वेश कुमार सिंह (बीजेपी)
राज बब्बर (कांग्रेस)
मतदान- 23 अप्रैल
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुरादाबाद में बीजेपी ने वर्तमान सांसद कुंवर सर्वेश कुमार सिंह पर भरोसा जताया है। इस बार यहां से कांग्रेस ने राज बब्बर को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने पिछला चुनाव गाजियाबाद से लड़ा था। पीतल नगरी में अभी गठबंधन ने अपने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है।
7- अलीगढ़ 
सतीश कुमार गौतम (बीजेपी)
चौधरी बृजेंदर सिंह (कांग्रेस)
मतदान- 18 अप्रैल
अलीगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद सतीश कुमार गौतम को कैंडिडेट बनाया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जिन्ना की तस्वीर लगाने पर उन्होंने सवाल उठाए थे। इस मामले को लेकर देश की सियासत गरमा गई थी। एएमयू कैंपस में भी कई दिन तनाव देखने को मिला था। कांग्रेस ने यहां से चौधरी बृजेंदर सिंह को टिकट दिया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र के तहत आने वाली सभी पांचों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
8- अमेठी 
स्मृति इरानी (बीजेपी)
राहुल गांधी (कांग्रेस)
मतदान- 6 मई
अमेठी लोकसभा सीट पर एक बार फिर देश की नजरें टिकी रहेंगी। जहां एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार चौथी बार इस सीट से सांसद की पारी खेलने की तैयारी में हैं, वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ स्मृति इरानी को फिर उतारा है। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हार के बावजूद स्मृति लंबे समय से इलाके में सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले यहां बड़ी रैली की थी। पिछले चुनाव में राहुल ने स्मृति को 1.07 लाख वोटों से हराया था। राहुल की यह जीत 2009 के मुकाबले बेहद छोटी थी। 2009 में राहुल 3.70 लाख वोटों के अंतर से जीते थे।
9- संभल 
परमेश्वर लाल सैनी (बीजेपी)
शफीकुर्रहमान बर्क (एसपी)
मतदान- 23 अप्रैल
संभल सीट पर एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन की ओर से शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट मिला है। वहीं, बीजेपी ने यहां से परमेश्वर लाल सैनी को उतारा है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर 23 अप्रैल को मतदान होना है। अभी कांग्रेस ने यहां से अपना कैंडिडेट घोषित नहीं किया है। लेकिन इस बार गठबंधन कैंडिडेट बर्क की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। वह तीन बार मुरादाबाद और एक बार संभल से सांसद रह चुके हैं। संभल लोकसभा सीट से 2009 में उन्होंने बीएसपी टिकट से लोकसभा का चुनाव जीता था। 2013 में सांसद रहते उन्होंने कहा था, ‘मैं वंदे मातरम् का बहिष्कार करने के लिए सोमवार को संसद से अनुपस्थित रहूंगा।’ बर्क ने 1997 में संसद के 50 साल पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में भी वंदे मातरम् का बहिष्कार किया था।
10- बदायूं 
संघमित्र मौर्य (बीजेपी)
धर्मेंद्र यादव (एसपी)
सलीम इकबाल शेरवानी (कांग्रेस)
मतदान-23 अप्रैल
बदायूं सीट पर एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव इस बार चक्रव्यूह में घिरे हैं। वर्तमान सांसद धर्मेंद्र के खिलाफ बीजेपी ने संघमित्र मौर्य को टिकट दिया है। चाचा शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाकर उन्हें पहले से मुश्किल में डाल रखा है। वहीं, कांग्रेस ने इलाके के कद्दावर नेता सलीम इकबाल शेरवानी को उतारकर धर्मेंद्र के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
11- उन्नाव 
साक्षी महाराज (बीजेपी)
अनु टंडन (कांग्रेस)
मतदान- 29 अप्रैल
टिकट बंटवारे से पहले चिट्ठी लिखने वाले साक्षी महाराज को बीजेपी ने आखिरकार टिकट दे दिया है। लेकिन इस बार साक्षी की राह आसान नहीं मानी जा रही है। कांग्रेस ने यहां से अनु टंडन को उतारा है। 2009 में कांग्रेस से सांसद रह चुकीं अनु इस क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। इसके साथ ही साक्षी महाराज को बाहरी होने का नुकसान उठाना पड़ सकता है। अभी यहां से गठबंधन कैंडिडेट का ऐलान नहीं हुआ है।
12- मथुरा 
हेमा मालिनी (बीजेपी)
नरेंद्र सिंह (आरएलडी)
मतदान- 18 अप्रैल
‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी मथुरा से एकबार फिर चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने वर्तमान सांसद हेमा मालिनी को ही प्रत्याशी बनाया है। उधर एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन ने कुंवर नरेन्‍द्र सिंह को खड़ा किया है। हेमा पर क्षेत्र को कम समय देने का आरोप लगता रहा है। पिछले बार के चुनाव में हेमा ने आरएलडी के जयंत चौधरी को शिकस्त दी थी। जयंत इस बार वह बागपत से चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन के तहत यह सीट आरएलडी के खाते में आई है। एसपी ने आरएलडी के लिए अपनी दावेदारी छोड़ दी थी।
13- लखीमपुर खीरी 
पूर्वी वर्मा (एसपी)
अजय कुमार मिश्रा (बीजेपी)
जफर अली नकवी (कांग्रेस)
मतदान-29 अप्रैल
लखीमपुर खीरी सीट पर बीजेपी ने जहां अजय कुमार मिश्रा को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस ने यहां से पूर्व सांसद और मंत्री रह चुके जफर अली नकवी को उतारा है। गठबंधन कोटे के तहत यह सीट एसपी के हिस्से में आई है। पार्टी ने यहां से पूर्वी वर्मा को मैदान में उतारा है। 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। 1980 से 1991 तक वह इस सीट से विधानसभा सदस्य भी रहे। राजीव गांधी के करीबी रह चुके नकवी का इलाके में अच्छा जनाधार माना जाता है।
14- हरदोई 
ऊषा वर्मा (एसपी)
जय प्रकाश वर्मा (बीजेपी)
मतदान- 29 अप्रैल
हरदोई सीट पर नरेश अग्रवाल का अच्छा प्रभाव माना जाता है। कई पार्टियों की सवारी कर चुके नरेश इस समय बीजेपी के सदस्य हैं। हरदोई में बीजेपी ने जय प्रकाश वर्मा को टिकट दिया है जबकि गठबंधन के तहत एसपी ने ऊषा वर्मा को सियासी समर में उतारा है। कांग्रेस कैंडिडेट की अभी यहां से घोषणा नहीं हुई है लेकिन नरेश अग्रवाल फैक्टर का बीजेपी को लाभ मिल सकता है।
15- मिर्जापुर 
अनुप्रिया पटेल (अपना दल)
राजेंद्र एस बिंद (एसपी)
ललितेश पति त्रिपाठी (कांग्रेस)
मतदान- 19 मई
मिर्जापुर सीट बीजेपी ने एनडीए के सहयोगी अपना दल के लिए छोड़ दी है। यहां से केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं। वहीं, गठबंधन के तहत एसपी ने राजेंद्र एस बिंद को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां से ललितेश पति त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार अनुप्रिया पटेल की राह आसान नहीं मानी जा रही है।
-Legend News

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