शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने विनीत नारायण को बताया 21 वीं सदी का नटवर लाल, सीएम योगी आदित्‍यनाथ से की जांच की मांग, ब्रज फाउंडेशन ने दिया जवाब

वृंदावन निवासी विनीत नारायण को भाजपा के राज्‍यसभा सदस्‍य और तेजतर्रार नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने 21 वीं सदी का नटवर लाल बताते हुए उनके द्वारा संचालित संस्‍था ‘द ब्रज फाउंडेशन’ की जांच सीबीआई से कराने को कहा है।
डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने इस सम्‍बन्‍ध में आठ पन्‍नों का एक पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को सौंपा है और खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।

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दूसरी ओर इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर विनीत नारायण ने प्रेस रिलीज के माध्‍यम से कहा है कि ‘द ब्रज फाउंडेशन’ पर डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी द्वारा लगाए गए सभी सनसनीखेज आरोपों का जवाब प्रमाण सहित ‘द ब्रज फाउंडेशन’ सीबीआई को इस अनुरोध के साथ सौंपने जा रही है कि सीबीआई इन सभी आरोपों की तुरंत निष्पक्ष जांच करवाए।
दरअसल सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम तथा स्‍वर्गीय जयललिता जैसे दिग्‍गज नेताओं को अदालत के कठघरे तक ले जाने वाले भाजपा के फायरब्रांड नेता सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को कल 28 जुलाई के दिन सौंपे अपने पत्र में विनीत नारायण तथा ‘द ब्रज फाउंडेशन’ पर अत्‍यंत गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुब्रह्मण्यम् स्वामी के अनुसार मायावती सरकार में दो अन्‍य संस्‍थाओं के माध्‍यम से विनीत नारायण की संस्‍था ‘द ब्रज फाउंडेशन’ ने ब्रज क्षेत्र का मास्‍टर प्‍लान बनाने के नाम पर 57 लाख 65 हजार रुपए हड़प लिए।
सुब्रह्मण्यम् स्वामी का आरोप है कि ”धाम सेवा” की आड़ लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों से पैसा उगाहने वाले विनीत नारायण और उनकी संस्‍था ‘द ब्रज फाउंडेशन’ एक्‍चुअली ”दाम सेवा” में लिप्‍त है।
यही कारण है कि मथुरा जनपद में ‘द ब्रज फाउंडेशन’ द्वारा कराये गए प्राचीन कुंडों एवं जलाशयों के जीर्णोद्धार को एनजीटी ने नियम विरुद्ध बताकर सख्‍त कार्यवाही करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए।
सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने विनीत नारायण पर तमाम गरीब किसानों को उनकी भूमि से बेदखल करने का भी आरोप लगाया है।
सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ को लिखा है कि मथुरा के लिए बनाई गई ‘हृदय योजना’ में अपने राजनीतिक प्रभाव से ‘द ब्रज फाउंडेशन’ को ‘सिटी एंकर’ नामित कराकर विनीत नारायण ने पूरी योजना को ही पलीता लगा दिया है, बावजूद इसके अब तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है।
उन्‍होंने मथुरा की ‘हृदय योजना’ से विनीत नारायण और उनकी संस्‍था ‘द ब्रज फाउंडेशन’ को तत्‍काल बेदखल करने की भी मांग की है ताकि मथुरा के विनाश को रोका जा सके।
साथ ही ‘द ब्रज फाउंडेशन’ की समस्‍त गतिविधियों पर रोक लगाने तथा उसके आर्थिक लेनदेन को भी प्रतिबंधित करने की मांग सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने अपने पत्र में की है।
पत्र में स्‍वामी ने इस बात का भी उल्‍लेख किया है कि मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण में उपाध्‍यक्ष के पद पर काबिज रहीं आईएएस अधिकारी यशु रुस्‍तगी ने हृदय योजना को गलत तौर-तरीकों से प्रभावित करने पर ‘द ब्रज फाउंडेशन’ से जुड़े राघव मित्तल के खिलाफ थाना सदर बाजार में आईपीसी की धारा 353, 183 व 186 और आपराधिक कानून (संसोधन) की धारा 7 के तहत केस दर्ज कराया था। सदर बाजार पुलिस 12 अप्रैल 2018 को इस केस में आरोप पत्र भी दायर कर चुकी है जिसका नंबर 253/18 है।
स्‍वामी ने ‘द ब्रज फाउंडेशन’ के पदाधिकारियों पर आपराधिक गतिविधियों में लिप्‍त रहने तथा सरकारी अफसरों को डरा-धमका कर उन्‍हें अपने कर्तव्‍य निर्वहन से रोकने जैसा गंभीर आरोप भी लगाया है।
स्‍वामी के आरोपों पर द ब्रज फाउंडेशन के सचिव व कालचक्र समाचार ब्यूरो के प्रबंधकीय संपादक रजनीश कपूर ने बाकायदा प्रेस-विज्ञप्ति जारी की है। इस विज्ञप्‍ति के माध्‍यम से कपूर ने सीबीआई को आश्वस्त किया है कि आरोपों के संदर्भ में जो भी जानकारी मांगी जाएगी, उसे द ब्रज फाउंडेशन सहर्ष उपलब्ध कराएगी।
विज्ञप्‍ति के अनुसार इससे पहले 19 जून 2018 को द ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण ने संस्‍था का पिछले 13 वर्ष का आय-व्यय का संपूर्ण ब्यौरा भारत के नियंत्रक व महालेखाकार राजीव महर्षि को इस अनुरोध पत्र के साथ सौंपा था कि उनकी संस्था के विरूद्ध आय-व्यय के मामले में किसी भी तरह की जांच करवा ली जाए ताकि झूठे आरोप लगाने वाले बेनकाब हो सकें।
आज जारी विज्ञाप्ति में कपूर ने बताया है कि गत 4 जून 2018 को उन्होंने भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय के एक ताकतवर अधिकारी राजेश्वर सिंह के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच करवाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी क्योंकि उन पर अपने पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं।
उनके इस कदम से डा. स्वामी बुरी तरह विचलित हो गए और द ब्रज फाउंडेशन के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करने लगे।
कपूर ने आश्चर्य व्‍यक्‍त किया है कि भ्रष्टाचार के आरोपी एक जूनियर अधिकारी के खिलाफ जांच होने से डा. स्वामी इतना क्यों घबरा रहें हैं उनके इस अधिकारी से क्या सम्बन्ध हैं ?
कपूर के अनुसार डा. स्वामी ने इस केस में हस्तक्षेप करके तथा राजेश्वर सिंह ने रजनीश कपूर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना का मुकद्दमा दायर करके उन्‍हें डराने-धमकाने की भी कोशिश की पर सर्वोच्च न्यायालय ने इनकी कोशिशों पर पानी फेर दिया और दोनों की याचिकाएं अस्वीकार कर रजनीश कपूर की याचिका पर 27 जून 2018 को राजेश्वर सिंह के विरूद्ध जांच की छूट दे दी, जिस पर पहले रोक लगी थी।
कपूर के अनुसार तभी से डॉ. स्वामी बुरी तरह बौखलाए हुए हैं और इसी क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को ये बेबुनियाद आरोप पत्र भेजकर सनसनी पैदा करने का प्रयास किया है।
इसी संदर्भ में द ब्रज फाउंडेशन के अध्‍यक्ष विनीत नारायण का कहना है कि, ‘पत्रकारिता और ब्रज में जो कुछ मैंने गत 40 वर्षों में किया है, वह पूरे देश के सामने खुली किताब की तरह है। मैं हर तरह की जांच का स्वागत करूंगा और यह अपेक्षा रखूंगा कि आरोप गलत सिद्ध होने पर आरोप लगाने वाले अपनी सजा अभी से स्वयं ही तय कर लें जिससे फिर मुझे नाहक उनके विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर न करना पड़े।’
-Legend news

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